नई दिल्ली। सभी इंसानों की बनावट अलग-अलग तरह से बनी होती है. कई लोगों के शरीर पर विभिन्न जगह तिल बने होते हैं. लोग अक्सर सोचते हैं कि शरीर पर इन तिलों का होना शुभ होता है या अशुभ, लेकिन वे इस सवाल का जवाब नहीं खोज पाते. इस सवाल का उत्तर सामुद्रिक शास्त्र में छिपा है. मान्यता है कि इस ग्रंथ की रचना महर्षि समुद्र नाम के ऋषि ने की थी, इसलिए इसे सामुद्रिक शास्त्र कहा जाता है. इस ग्रंथ में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में बने तिलों का अर्थ बताया गया है. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक अगर आपकी दाहिनी हथेली पर तिल बना है तो इसे बहुत शुभ माना जाता है. जिन लोगों की हथेली पर ऐसा तिल होता है, उन पर हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और उनकी जेब कभी धन से खाली नहीं रहती. ऐसे लोग धन के साथ ही समाज में प्रतिष्ठा भी कमाते हैं.
जिन लोगों के दाहिने गाल पर तिल होता है, वे भाग्य के धनी माने जाते हैं. ऐसे लोग अपने जीवनसाथी से बहुत प्यार करते हैं और उसकी सभी ख्वाहिशों को पूरा करते हैं. ऐसे लोग सामाजिक कार्यों में भी रूचि रखते हैं और अच्छा खासा पैसा कमाते हैं. वहीं जिन लोगों के बायें गाल पर तिल होता है, वे घूमने-फिरने के शौकीन होते हैं. ऐसे लोग खुलकर खर्च करने से परहेज नहीं करते और कई बार बाद में पछताते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के सीने के बीच में तिल होता है, उन पर हमेशा धन के देवता कुबेर की कृपा बरसती है. ऐसे लोग रचनात्मक स्वभाव के होते हैं. वे कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं, जिससे उनकी चर्चा हर समय समाज में बनी रहती है. ऐसे लोग सभी प्रकार के भौतिक सुखों को हासिल करते हैं और समाज में अपनी खास पहचान बनाते हैं.
जिन लोगों के माथे पर दाहिनी ओर तिल बना होता है, उनके ऊपर कुबेर देवता की हमेशा कृपा बनी रहती है. ऐसे लोग अपनी मेहनत और मृदु व्यवहार से समाज में ऊंचा स्थान प्राप्त करते हैं. सामुद्रिक शास्त्र में कहा गया है कि ऐसे लोगों को कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता. वहीं माथे पर बायीं ओर तिल वाले लोगों को सेहत से लेकर पैसे तक, कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.