लखनऊ. राजधानी लखनऊ में मंगलवार शाम वजीर हसन रोड स्थित एक पांच मंजिला अपार्टमेंट ताश के पत्तों की तरह ढहकर मलबे में तब्दील हो गया। पांच मंजिला इमारत में करीब 16 फ्लैट बने हुए थे। इन सभी में परिवार रह रहे थे। वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट के मलबे में दबीं शाहजहां को बुधवार को सुबह करीब 12 घंटे बाद निकाला जा सका।
उन्होंने बताया कि 12 घंटे के दौरान वह थोड़ी सी जगह में उकड़ूं बैठी रहीं। सिविल अस्पताल में भर्ती शाहजहां खौफ की यह दास्तां कहते-कहते फफक पड़ीं। उन्होंने कहा कि चाय बनाने के दौरान अचानक किसी चीज के टूटने की आवाज आई…। कुछ समझ पाती तब तक पूरा घर भरभरा कर गिरने लगा…।
दिमाग काम नहीं कर रहा था…। छत नीचे आती जा रही थी…। डरकर पिलर के पास जमीन पर दुबककर बैठ गई…। पूरा अपार्टमेंट ढह चुका था और नीचे आती छत सिर से करीब दो फीट ऊपर आकर रुक गई थी…। अपार्टमेंट ढहने का शोर थमा तो लगा कि जैसे जीते जी कब्र में दफन हो गई हूं…।
इस दौरान उन्होंने कई बार आवाज भी लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। थककर उन्होंने खुद को ऊपर वाले के हाथ में छोड़ दिया। एक-एक पल भारी था। समय बीतने के साथ जिंदा बच पाने की उम्मीद भी धूमिल हो रही थी। यह ऊपरवाले की रहमत ही थी कि वह जिंदा बाहर आ सकीं।
शाहजहां बालू अड्डे पर रहती हैं। वह अपार्टमेंट के तीसरे तल पर स्थित फ्लैट में वह खाना बनाने का काम करती थीं। तीसरे तल पर फंसे तीन लोग तो रात में निकाल लिए गए, जबकि वह सुबह निकाली जा सकीं।
अलाया अपार्टमेंट के तीसरे तल पर परिवार के साथ रहने वाले मोहम्मद यूसुफ का हाल जानने अस्पताल आए एक रिश्तेदार ने जब उनसे तबियत पूछी तो वे उनसे लिपटकर रोने लगे। रोते हुए उन्होंने बताया कि वे शाम को बैठे पत्नी और एक रिश्तेदार के साथ चाय पी रहे थे।
इतने में अपाार्टमेंट भरभराकर गिर गया और सब दब गए। उस समय मेड को मिलाकर घर में कुल पांच लोग थे। उन्होंने बताया वह और पत्नी तो ठीक थे, लेकिन बहू पिलर के नीचे दबी थी। हम चाहकर भर भी उसकी मदद नहीं कर पा रहे थे। हालांकि, सब सुरक्षित हैं।
अपार्टमेंट की ही रंजना अवस्थी ने बताया वह बेटी के साथ रहती थीं। मंगलवार शाम को कुछ काम कर रही थीं कि अपार्टमेंट अचानक से गिरने लगा। उन्होंने बताया कि भगवाने ही उनकी जान बचाई। जो पिलर गिर रहा था वह उनकी तरफ न आकर दूसरी ओर गिर गया। इससे जान बच गई। उन्होंने आरोप लगाया कि बिल्डिंग के निर्माण में बहुत ही घटिया सामान इस्तेमाल किया गया है। इसकी उन्होंने कुछ दिन पहले शिकायत भी की थी।
सिविल अस्पताल में अपनों का हाल जानने पहुंचे लोगों ने उन्हें जब ठीक देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। किसी ने उनका सदका उतारा तो कोई गले लगाने लगा। घायलों को देखने के लिए शहर के कई धर्मगुरु भी अस्पताल पहंुचे। इस दौरान उन्होंने घायलों की सलामती के लिए दुआ पढ़ी। इसके साथ सपा विधायक रविदास मल्होत्रा, पूर्व शिक्षामंत्री अम्मार रिजवी, सपा नेता जूही सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कबीर, प्रो. रमेश दीक्षित आदि भी घायलों को देखने अस्पताल पहुंचे।