नई दिल्ली. जिंदगी में किसी एक का जाना और दूसरे का आना लगा ही रहता है. लेकिन, कई बार हम यह भी देखते हैं कि हर जानने वाला ही हमसे दूरी बनाने लगता है और एक वक्त ऐसा आता है जब हमारे पास दोस्त कहने के लिए भी कोई नहीं होता. अगर आप भी ऐसा ही महसूस करते हैं तो हो सकता है आप भी जाने-अनजाने कुछ ऐसे काम करते हैं जो किसी को पसंद नहीं आते या फिर आपमें कुछ बुरी आदतेे हैं जो आपको सुधार लेनी जरूरी हैं. व्यवहार की कुछ बुरी आदतों को टॉक्सिक बिहेवियर भी कहते हैं जो किसी भी करीबी रिश्ते की नींव तोड़ सकता है.
बहुत से लोगों की आदत ही हो जाती है कि वे जब भी किसी से बात करेंगे किसी ना किसी की बुराई ही करेंगे. सामने वाले को महसूस होने लगता है कि आपके साथ वे किसी तरह की काम की बात या फिर दिल की बात कर ही नहीं सकता. कभी-कभी बुराई करना ठीक है, सब करते हैं, लेकिन आपका किसी के साथ बात करने का मकसद ही सिर्फ मन की भड़ास निकालना हो तो व्यक्ति दूरी बनाएगा ही.
जो लोग खुद की गलती नहीं मानते उनके ना कभी कोई करीबी दोस्त बन पाते हैं और ना कोई और रिश्ते. गलती हर व्यक्ति करता है और गलती मान लेने से कोई छोटा नहीं हो जाता. लेकिन, जो व्यक्ति अपने मन में गांठ बांध ले कि वह कभी भी गलत नहीं हो सकता उसके साथ दोस्ती मुश्किल लगने लगती है.
व्यक्ति एकदूसरे से अलग होते हैं लेकिन कोई किसी से बड़ा या छोटा नहीं होता. आप किसी की निंदा कर सकते हैं लेकिन उसे खुद से छोटा महसूस करवाना या खुद को सभी से बढ़कर समझना अहंकार (Arrogance) होता है और अहंकारी व्यक्ति से लोग दूर रहना पसंद करते हैं.
चाहे व्यक्ति आपका दोस्त हो, प्रेमी हो, कलीग हो, जूनियर हो या फिर कोई रिश्तेदार, आपको बाउंडरीज की समझ होनी चाहिए. आपकी बातें और काम हद में रहकर किए गए होने चाहिए. आपको पता होना चाहिए कि आप किसी की जिंदगी में कितना दखल दे सकते हैं और कितना नहीं.
अगर आप किसी का सम्मान नहीं करते तो उसका आपसे दूर होना लाजिमी है. आप चाहे उसे अपना भाई कहें या यार, लेकिन जब सम्मान ही ना दें तो आपके ये शब्द अर्थ से बहुत दूर जान पड़ते हैं और खोखले लगते हैं. आपसी रिश्तों में सम्मान की भावना जरूरी है.