नई दिल्ली. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की 7 स्कीमों के आंकड़ों को देखें तो अच्छा रिटर्न लोगों को मिला है. आपको बता दे कि सिर्फ पिछले 1 साल में 14 से 20 फीसदी का रिटर्न पाकर निवेशको में भारी ख़ुशी है. इसमें भारत कंजम्प्शन फंड, इक्विटी एवं डेट, मल्टी असेट, रिटायरमेंट प्योर इक्विटी फंड और एफएमसीजी फंड शामिल हैं. म्यूचुअल फंड जानकारों की माने तो इस फंड हाउस की स्ट्रेटेजी स्कीम को कम रिटर्न देने से रोकने की है. पिछले 1 साल से इस फंड हाउस ने वैल्यू स्ट्रेटेजी का पालन कर लिया है.
बीते 1 साल में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की कई स्कीम ने 7 से 13 फीसदी तक रिटर्न दिया है. इसमें लार्ज एंड मिड कैप, इंडिया अपोर्च्युनिटीज फंड, डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड, वैल्यू डिस्कवरी फंड और एमएनसी फंड ने कैटेगरी की तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया है.
फंड हाउस के मुख्य निवेश अधिकारी एस.नरेन की माने तो उनका जो भी फैसला था, वह एक अच्छा फैसला साबित हुआ है. फंड हाउस पावर और ऊर्जा सेक्टर में ओवऱवेट है. एफएमसीजी में निवेश किया जबकि मेटल में अपने निवेश को कम किया. नरेन ने कहा कि वह अभी भी निवेशकों को एसआईपी और एसटीपी के निवेश में की सलाह दे रहे हैं. वह लगातार उन स्कीमों में निवेश की सलाह देंगे जो अलग-अलग असेट क्लास की हैं. इस रिटर्न के पीछे जो रणनीति रही है वह स्थिर निवेश की प्रक्रिया और एक टीम का फ्रेमवर्क रहा है. हमने उन नामों से दूरी बनाई, जो हमारे फ्रेमवर्क के अनुसार नहीं थे.
भारतीय शेयर बाजार में पिछला 1 साल भारी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. इस दौरान विदेशी निवेशकों की बाजार से रिकार्ड निकासी की हो गई. इसी समय रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ. वही महंगाई की ऊंची दरों ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों को अपनी चपेटे में ले लिया. इस दौरान भारतीय शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स ने महज 1.41 फीसदी का रिटर्न दिया है.