नई दिल्ली. हम जो कुछ भी खाते हैं इसका असर शरीर के सभी हिस्से पर पड़ता, लेकिन अहम काम पेट के अंदर होता है, अगर हम बॉडी के इस पार्ट को सेहतमंद नहीं रखेंगे तो कब्ज और गैस जैसी परेशानियां पेश आ सकती हैं. जब आपका डाइजेशन दुरुस्त नहीं रहता है तो मोटापा, दस्त और उल्टी से भी दो चार होना पड़ सकता है, इसलिए जरूरी है कि हमारे पेट में गुड बैक्टीरियाज ज्यादा से ज्यादा हों जिससे कब्ज का सामना न करें. आइए जानते हैं कि इसके लिए आप क्या कर सकते हैं.
प्रोबॉयोटिक्स फूड की मदद से पेट में गुड बैक्टीरियाज आते हैं पाचन तंत्र में इनकी काफी जरूरत होती है. अगर आप दही, जैतून, छाछ जैसी चीजों का सेवन करेंगे तो न सिर्फ डाइजेशन बेहतर होगा बल्कि अनहेल्दी फूड्स का बुरा असर भी कम हो जाएगा. यही वजह है कि आपने अक्सर देखा होगा कि भोजन करने के बाद लोग अक्सर दही खाते हैं.
जब भी पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानी पेश आती है, तब डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा फाइबर रिच डाइट खाने की सलाह देते हैं, ये एक ऐसा न्यूट्रिएंट है जो डाइजेशन को दुरुस्त करता है. इसलिए आप हाई फाइबर डाइट नियमित तौर से खाएं.
अगर अपने पाचन तंत्र को अच्छा रखना है तो इसके लिए बेहद जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न होने दें. ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट इस बात की सलाह देते हैं कि एक हेल्दी अडल्ट को कम से कम 8 ग्लास पानी जरूर पीना चाहिए.
जो लोग ऑयली या हाई फैट फूड खाते हैं उनके पेट में अक्सर गड़बड़ी हो जाती है, इससे बचने के लिए आप पूड़ी, रेड मीट, आलू की चिप्स, समोसा और फ्रेंच फ्राइज जैसी चीजों से जितना हो सके दूरी बना लें, क्योंकि इसका डाइजेशन मुश्किल से होता है जिससे कब्ज की समस्या आ सकती है.