व्हीटग्रास का नाम आपने कई बार सुना या पढ़ा होगा। यह कोई सब्जी या फल नहीं है, जो आपको कहीं भी आसानी से दिख जाए। व्हीटग्रास गेहूं के पौधे की ताजी अंकुरित पत्तियों को कहा जाता है। यह देखने में सामान्य घास की तरह होता है और इसलिए भी इसे घास ही कहा जाता है। लेकिन इसके पोषक तत्व और फायदे किसी औषधीय जड़ी बूटी से कम नहीं हैं।
हाल के वर्षों में व्हीटग्रास बहुत ज्यादा फेमस हुआ है क्योंकि यह बीमारियों को रोकने, मेटाबोलिक एनर्जी बढ़ाने, कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने, वजन कम करने, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है। इनके अलावा चिकित्सा के क्षेत्र में इसके ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं।
कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। व्हीटग्रास में कैंसर की कोशिकाओं को रोकने और कम करने की क्षमता होती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि व्हीटग्रास के इस्तेमाल से आपको कैंसर की रोकथाम में कैसे मदद मिल सकती है और आपका किस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
व्हीटग्रास गेहूं के अंकुरित होने के बाद उसमें निकलने वाली घास को कहा जाता है। इसमें ग्लूटेथिओन, विटामिन सी और विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। क्लोरोफिल की मात्रा अधिक होने के कारण इसे ‘ग्रीन ब्लड’ यानी हरा खून भी कहा जाता है। यह हीमोग्लोबिन के बराबर काम करता है और शरीर के सभी हिस्सों तक ऑक्सीजन की सप्लाई को बेहतर बनाता है।
व्हीटग्रास में कई विटामिन, मिनरल्स, अमीनो एसिड और जरूरी एंजाइम शामिल हैं। यही वजह है कि इसे एंटीकैंसर के रूप में जाना जाता है। इनके अलावा इसमें आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और अमीनो एसिड भरे होते हैं।
NCBI के एक अध्ययन (Ref) में बताया गया है कि व्हीटग्रास का जूस पीने से मुंह के कैंसर के लिए जिम्मेदार कोशिकाओं को 41% तक कम किया जा सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित (Ref) एक अध्ययन के अनुसार, एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन में पाया गया कि व्हीटग्रास का जूस पीने से तीन दिनों के भीतर ल्यूकेमिया सेल्स यानी ब्लड कैंसर वाली कोशिकाओं की संख्या में 65% तक कमी हो गई थी।
कैंसर सेल्स की रोकथाम और कम करने के अलावा व्हीटग्रास का जूस पीने से आपको दांतों की सड़न को रोकने, हाई ब्लड प्रेशर को कम करने, गठिया के दर्द को कम करने, सर्दी का इलाज करने और मतली से राहत पाने में मदद मिल सकती है।