मुजफ्फरनगर। बीते 2 दिन पूर्व अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने सीएमओ डॉ महावीर सिंह फौजदार से मिलकर महिला जिला चिकित्सालय में हुई घटनाओं पर बात की थी। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कोई संतुष्ट जवाब नहीं दिया था। वहीं जिला चिकित्सालय में आज इस प्रकरण की जांच करने हेतु एक टीम पहुंची। इसके बाद से महिला जिला चिकित्सालय सवालों के घेरे में खड़ा है और कोई अधिकारी स्पष्ट जवाब देने से बच रहा है। वही पीड़ितों की मांग है कि जांच कर उचित कार्यवाही करें।
जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे राजेंद्र कुमार ने अवगत कराया कि उन्होंने अपनी पुत्रवधू मनीषा को महिला जिला चिकित्सालय में बीती 11 तारीख को भर्ती कराया था। जिसने शाम 5:30 बजे एक लड़की को जन्म दिया। उसके बाद सुबह को अचानक से उनकी पुत्रवधू को ब्लडिंग शुरू हो गई। जिस पर उन्होंने जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने मेरठ मेडिकल के लिए रेफर कर दिया। राजेंद्र कुमार ने अवगत कराया वह मेरठ भी नहीं पहुंचे थे कि उनकी पुत्रवधू मनीषा ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया। राजेंद्र कुमार ने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र सौंपते हुए इंसाफ की गुहार लगाई।
विशाल ने अवगत कराया कि बीती 18 अगस्त को उन्होंने अपनी पत्नी सुहानी को प्रसव के लिए महिला जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था चिकित्सकों ने सर्जरी के द्वारा सुहानी ने बेटे को जन्म दिया था। जन्म देने के बाद सुहानी ठीक थी लेकिन जैसे ही सुहानी को अस्पताल स्टाफ ने वार्ड मे भर्ती किया उसके बाद सुबह को अचानक से तबीयत खराब हो गई। विशाल ने बताया कि उनकी माता ने फोन कर बताया कि सुहानी की तबीयत ज्यादा खराब है। जैसे ही विशाल जिला चिकित्सालय में पहुंचा तो अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था। जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने उन्हें तुरंत कहीं और ले जाने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि वह अपने मरीज को भोपा रोड स्थित इवान हॉस्पिटल में ले गए लेकिन ईवान हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने भी उन्हें जवाब दे दिया। ईवान हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने उन्हें मेरठ के लिए रेफर किया। लेकिन इवान हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी सुहाना कि मौत हो गई।
महिला सीएमएस डॉ आभा आत्रे ने जानकारी देते हुए बताया कि बीती 18 अगस्त को उनके चिकित्सालय में 6 महिलाओं के सिजेरियन ऑपरेशन हुए थे। 6 में से 3 मरीजों की हालत रात को अचानक से खराब हो गई। उन्होंने बताया कि इन 3 मरीजों की spo2 कम आई थी जिसकी वजह से उन तीनों को यहां से रेफर कर दिया गया। महिला सीएमएस डॉ अभय ने बताया कि इस घटना के बाद ही उन्होंने अपना ऑपरेशन थिएटर बंद कर दिया और 23 तारीख को आई रिपोर्ट के बाद से ऑपरेशन किए जा रहे हैं। डॉ आभा आत्रे ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने अपने आला अधिकारियों को अवगत करा दिया था उसके बाद से ही इस पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि जो दवाइयां उन महिलाओं को दी गई थी उनकी भी जांच के लिए नमूने भेजें। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में वही पुरानी दवाइयां दी जा रही है जो पिछले काफी समय से मरीजों को दी जा रही थी। उन्होंने बताया कि ड्रग्स एनालिटिक्स रिपोर्ट 2 महीने के बाद आती है। उन्होंने बताया कि इस बेंच की सभी दवाइयों को रोककर मैन साइट से दवाइयां शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बीते कल भी दो महिलाओं के ऑपरेशन किए गए है। और ईश्वर का शुक्र है कि वह अभी ठीक है।