दिल्ली. देश में जल्द ही पेट्रोल और डीजल जैसे परपंरागत ईंधन से चलने वाले वाहनों की संख्या में बड़ी कमी आ सकती है। केंद्र सरकार भी इसके लिए पूरे प्रयास कर रही है। हाल में ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर बायो फ्यूल को लेकर बड़ा बयान दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने बताया है कि देश में कब से इस तरह के ईंधन से वाहनों को चलाया जा सकेगा।
देश के लोगों को जल्द ही महंगे पेट्रोल और डीजल से राहत मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि अगले दो सालों में देश में बायो फ्यूल से वाहनों को चलाया जा सकेगा।
कंपनियां कर रही हैं तैर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुझे लगता है कि दो साल के अंदर देश में ऑटो सेक्टर की तस्वीर बदल सकती है। ईथेनॉल एक सुरक्षित और साफ ईंधन के तौर पर डीजल का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसके लिए हम गन्ने, चावल, मक्का और गेहूं के भूसे का उपयोग करके ईथेनॉल को तैयार करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इससे विदेशी मुद्रा को भी बचाया जा सकेगा और हमारी योजना भविष्य में वाहनों को इलेक्ट्रिक, ईथेनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन से चलाने की है।
पेट्रोल और डीजल के साथ ही अब कंपनियां वैकल्पिक ईंधन की कारों पर भी फोकस कर रही हैं। कई कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन ला रही हैं। साथ ही फ्लेक्स फ्यूल और हाइड्रोजन से चलने वाली कारों को भी अगले कुछ सालों में पेश किया जा सकता है। मारुति, होंडा, टोयोटा जैसी कंपनियां भी इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन के साथ ही फ्लेक्स फ्यूल जैसे ईंधन की तकनीक पर काम कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक अगले दो सालों में देश में ऑटो सेक्टर की पूरी तस्वीर बदल सकती हैं। इस बात का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि टाटा, महिंद्रा, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, ऑडी जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों को भारत में लॉन्च कर रही हैं। इसके साथ ही मारुति, टोयोटा और एमजी जैसी कंपनियों की ओर से हाइब्रिड तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं कम दाम में कार बनाने वाली कंपनियां आने वाले दो सालों में इलेक्ट्रिक तकनीक की कारों को भी भारतीय बाजार में पेश कर सकती हैं।