आवास विकास परिषद की टीम शुक्रवार को जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में जमीन कब्जा मुक्त कराने पहुंची तो महिलाओं ने विरोध कर दिया। देखते ही देखते वहां बवाल हो गया। इस दौरान किसानों ने टीम पर पथराव कर दिया। कर्मचारियों ने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और लोगों को दौड़ा दिया।
बताया गया कि टीम जमीन को कब्जा मुक्त कराने का काम कर रही थी, इसी दौरान सैकड़ों की संख्या में किसान मौके पर पहुंचे और कार्य रुकवा दिया। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया। किसानों ने आवास विकास मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आवास विकास परिषद की टीम ने उनके देवता तोड़ दिए। जिससे गुस्साए किसानों ने हंगामा कर दिया। फिलहाल ग्रामीण योजना में ही धरना देकर बैठ गए हैं।
पुलिस फोर्स के साथ मिलकर आवास विकास परिषद ने बृहस्पतिवार को जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में किसानों से 100 एकड़ जमीन कब्जा मुक्त कराई। खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलवाकर खेतों की जुताई करा दी। हंगामा और विरोध करने पर 12 किसानों को हिरासत में ले लिया गया। किसानों ने पुलिस पर लाठी फटकारने का आरोप लगाया। बताया गया कि पूरा पैसा जमा करने के बाद भी इन्हें दो साल से मकान नहीं मिल रहे थे।
परिषद ने 2009 में जागृति विहार एक्सटेंशन योजना के लिए काजीपुर, कमालपुर, घोसीपुर और सरायकाजी के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। जमीन का मुआवजा दिया जा चुका है, लेकिन किसान 16 महीने से बढ़े हुए प्रतिकर की मांग के लिए धरने पर बैठे थे। कई बार वार्ता हुई, लेकिन किसान नही मानें। बृहस्पतिवार को टीम भारी पुलिस बल व पीएसी के साथ धरनास्थल पर पहुंची। टीम को देखकर आसपास के ग्रामीण भी आ गए। पुलिस ने उन्हें दौड़ा लिया।
अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया था कि तय मुआवजे के तहत पैसा और प्लॉट दे दिए थे। इसके बावजूद किसान धरना दे रहे थे। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान विरोध करने वाले 12 किसानों को हिरासत में लिया था। हालांकि शाम को छोड़ दिया गया। दस किसानों के खिलाफ एक दिन पूर्व ही सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस दौरान उप आवास आयुक्त कुमारी शैरी, एसीएम संजय कुमार, अधिशासी अभियंता राजकुमार, टीके बनर्जी, प्रशासनिक अधिकारी पीएस रावत, जेई संदीप कुमार, मुमताज हुसैन, सीओ सिविल लाइन अरविंद चौरसिया समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौजूद रही।
योजना में विभाग की 650 एकड़ जमीन है। इसमें से 150 एकड़ जमीन पर किसानों ने फसल बो रखी है। 400 से अधिक फ्लैट बना रखे हैं। बाकी खाली प्लॉट हैं। पहले दिन विभाग ने 100 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया। आज 50 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। यह अभियान दस दिनों तक चलेगा। यहां किसानों ने सेक्टर दो में आलू की फसल, सेक्टर पांच में सरसों व तीन में सरसों व गेहूं की फसल बो रखी थी। फसलों पर आवास विकास ने ट्रैक्टर चलवा दिया। बृहस्पतिवार को 12 हजार वर्ग मीटर के टुकड़े पर एमपीएस ग्रुप को कब्जा दिलाया गया। एमपीएस ग्रुप ने यह जमीन कई वर्ष पूर्व आवास विकास से खरीदी थी, लेकिन किसानों से विवाद के चलते उन्हें कब्जा नहीं मिल पाया था।
किसानों से जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया है। अभियान दस दिनों तक जारी रहेगा। आज आवंटियों को भी कब्जा दिलाया जाएगा। – राजीव कुमार, अधीक्षण अभियंता आवास विकास परिषद
बोले आवंटी किराए के मकानों से मिलेगी मुक्ति
आवंटी सुशील पटेल ने कहा कि वह अपने मकानों की पूरी कीमत जमा करा चुके हैं, लेकिन उन्हें कब्जा नहीं मिल पाया था। अब उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है। किराए के मकान से भी मुक्ति मिलेगी।
आवंटी कविता ने कहा कि पिछले कई साल से उनका अपने घर का सपना पूरा नहीं हो रहा था। अब जल्द ही उन्हें अपना घर मिल पाएगा। उन्होंने इसे लेकर खुशी जाहिर की है।
अर्जित भूमि किसान संगठन के महामंत्री भारत भड़ाना ने कहा कि उन पर झूठे मुकदमे लगाकर डराने का प्रयास किया जा रहा है। किसान अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे। आज किसानों की ओर से गांव में बैठक की जाएगी। इसके बाद रणनीति तैयार की जाएगी। पुलिस ने हमारे फोन छीन लिए और किसानों पर लाठियां भी फटकारीं।
काजीपुर के किसान संदीप भड़ाना ने कहा कि जब तक हमें बढ़ा हुआ प्रतिकर नहीं मिलता पीछे नहीं हटेंगे। आवास विकास ने किसानों को छलने का कार्य किया है। तय समय पर न तो प्लॉट दिए और न ही मुआवजा।