मुजफ्फरनगर. अपनों को खोने का दर्द कभी कम नहीं होता। जरा सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ जाती है और इसके बाद रह जाता है सिर्फ पछतावा। ऐसे ही कई हादसे हुए। पीड़ितों का कहना है कि अन्य लोगों को सबक लेना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रतनपुरी निवासी अजय कश्यप का कहना है कि आठ भाई थे। उनके चौथे नंबर के 31 वर्षीय भाई संदीप पुत्र किरणपाल की पिछले साल एक दिसंबर को मंसूरपुर थाना क्षेत्र में घासीपुरा के पास सड़क दुर्घटना में उस समय दर्दनाक मौत हो गयी थी, जब वह अपने ससुर सोनू पुत्र सुखबीर निवासी सराय रसूलपुर के साथ मुजफ्फरनगर अस्पताल में भर्ती अपने बीमार पिता को देखकर वापिस आ रहा था।
इस दुर्घटना में संदीप की मृत्यु हो गयी थी, जबकि उसके ससुर सोनू के पैर टूट गए थे। संदीप मजदूरी करके अपने परिवार का भरणपोषण करता था। घर मे उसकी पत्नी काजल और दो छोटे छोटे बच्चे भी हैं। मृतक संदीप के भाई अजय का कहना है कि संदीप के परिवार के सामने जीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। एक माह बाद ही उसके बीमार पिता की भी मृत्यु हो गयी थी।
सड़क का प्रयोग करने वाले अन्य लोगों को यातायात के नियमों का पूर्णतया पालन करना चाहिए। दोपहिया वाहन पर हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें। नशा करके वाहन कभी न चलाएं। यदि उनका भाई संदीप हेलमेट लगाए हुए होता और नशा करके वाहन न चलाता तो शायद वह आज अपनों के बीच जीवित होता।
किसी के साथ ऐसा न हो, स्कूल की गलती से उजड़ गया मेरा घर
सड़क दुर्घटना में अपने को खोने का दुख क्या होता है यह बयान करना भी मुश्किल है। स्कूल बस चालक द्वारा बरती गई लापरवाही से हुई एक बच्चे की मौत के दस साल बाद भी उसके पिता की आंखों से आंसू छलक गए।
खतौली कस्बे में इस्लामनगर निवासी पप्पू रिजवी ने बताया कि उनका नौ साल का बेटा हयात जब स्कूल बस से वापस लौटा तो स्कूल बस चालक ने उसके उतरते समय ही बस चला दी। जिस कारण उनका बेटा नीचे गिर गया और घर के सामने ही स्कूल की बस का पिछला पहिया उसके ऊपर से उतर गया था। जिस कारण उनके बेटे की आंखों के सामने ही तड़पते हुए मौत हो गई थी।
वह मंजर जब भी उनकी आंखों के सामने आता है तो उनकी रूह तक काप उठती है। उन्होंने कहा कि स्कूल संचालक अपना फायदा करने के चक्कर में बस में परिचालक नही रखते। वह अकेले ही गाड़ी के स्टेयरिंग पर बैठे हुए बच्चों को उतारता है, जिस कारण हादसे की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूली बसों पर परिचालक की नियुक्ति होनी जरूरी है। जो स्कूली वैन चालक परिचालक नही रखते उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।