मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार जो बेहतर प्रदर्शन किया है, उसकी वजह पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोक दल के साथ उसका गठबंधन काफी अहम माना जा रहा है। किसान आंदोलन की वजह से यह लगातार दावा किया जा रहा था कि जाटों का एक बड़ा तबका बीजेपी से नाराज है और इसका फायदा सपा-रालोद गठबंधन को मिलेगा। वैसे तो पश्चिमी यूपी में भी बीजेपी ने फिर भी बाजी मार ली है और वह 46 फीसदी वोट हासिल कर रही है। जबकि, सपा गठबंधन 37 फीसदी वोट लेकर ही संतोष करना पड़ रहा है। लेकिन, अगर एक साल तक चले किसान आंदोल के चेहरा रहे राकेश टिकैत और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के घर की सीटों पर नजर डालें तो इस गठबंधन से अखिलेश यादव को फायदा जरूर मिलता दिख रहा है।
जयंत चौधरी के गृह क्षेत्र बड़ौत में रालोद आगे
राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी यूं तो खुद मथुरा से वोटर हैं। लेकिन उनका पुश्तैनी घर बड़ौत विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। इस सीट से उनकी पार्टी के उम्मीदवार जयवीर को बढ़त मिली हुई है। जबकि, इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार कृष्ण पाल मलिक दूसरे नंबर पर चल रहे हैं। तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के अंकित शामर काफी पीछे हैं। दोपहर बाद 1.41 तक इस सीट पर आरएलडी उम्मीदवार के पक्ष में 49% से ज्यादा वोट आए थे तो बीजेपी के उम्मीदवार को 44% से अधिक वोट मिले थे।
टिकैत के घर की सीट बुढ़ाना में रालोद को बढ़त
इसी तरह किसान आंदोलन के चेहरा रहे राकेश टिकैत जो कि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता भी हैं, उनका गांव सिसौली बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है और यहां से आरएलडी के उम्मीदवार राजपाल सिंह बालियान भारतीय जनता पार्टी के उमेश मलिक से आगे चल रहे हैं। मुजफ्फरनगर जिले की इस सीट पर भी बसपा उम्मीदवार अनीस तीसरे नंबर पर हैं।
दोपहर बाद 1.40 बजे तक रालोद के उम्मीदवार को 50% से अधिक वोट मिले थे और बीजेपी के प्रत्याशी को 42% से ज्यादा वोट प्राप्त हुए थे। कांग्रेस के उम्मीदवार को तो यहां सौ-सौ वोट के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।