नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है। पितृपक्ष के दौरान पड़ने के कारण भगवान की कृपा से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि जो लोग हर तरह के कष्टों से छुटकारा पाकर सुख-समृद्धि और मृत्यु के मोक्ष चाहते हैं, तो इस व्रत को जरूर रखना चाहिए। जानिए इंदिरा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पारण का समय।
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 20 सितंबर, मंगलवार को रात 09 बजकर 26 मिनट पर आरंभ हो रही है जो अगले दिन 21 सितंबर, बुधवार को रात 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर इंदिरा एकादशी व्रत 21 सितंबर, को रखा जाएगा।
इंदिरा एकादशी व्रत रखने के साथ विधिवत भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी। 21 सितंबर को सुबह 06 बजकर 09 मिनट से सुबह 09 बजकर 11 मिनट के बीच भगवान विष्णु का पूजन करना सबसे शुभ माना जा रहा है। इसके अलावा सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 14 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। इसके साथ ही इंदिरा एकादशी के दिन शिव योग भी लग रहा है। इस दिन शिव योग सुबह 09 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ होगा।
एकादशी व्र का पारण एक दिन बात किया जाता है। इसलिए इंदिरा एकादशी व्रत का पारण 22 सितंबर को किया जाएगा। पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 09 मिनट से सुबह 08 बजकर 35 मिनट के बीच होगा।
इस व्रत के महत्व के बारे में स्वयं कृष्ण भगवान ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया जाता है। पुराणों के अनुसार, इस व्रत को करने से लोगों को यमलोक से मुक्ति मिलती है। श्राद्ध पक्ष वाली एक एकादशी का पुष्य अगर पितृगणों को दिया, तो नरक गए पितृगण को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।