जयपुर. भारतीय रेलवे ने बेरोजगारों युवाओं को अपने पैरों पर खड़े करने की एक शानदार मुहिम शुरू की है. रेल कौशल विकास योजना मुहिम के तहत रेलवे ऐसे बेरोजगारों को फ्री ट्रेनिंग दे रहा है जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं. ये ट्रेनिंग 15 से 18 दिनों की होती है और उसके बाद युवा उस ट्रेनिंग से जुड़ा अपना खुद का स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं. रेलवे की यह योजना युवाओं को खूब भा रही है. इस ट्रेनिंग के लिए बहुत ज्यादा पढ़ाई लिखाई की भी जरूरत नहीं है. महज दसवीं पास युवा का लाभ उठा सकते हैं.
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि भारतीय रेलवे के तहत रेल कौशल विकास योजना की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. उत्तर पश्चिम रेलवे के तहत सभी मंडल पर ऐसे बहुत से कारखाने हैं जहां ट्रेनों से जुड़े काम किए जाते हैं. मुख्य तौर पर रेलवे के कारखानों में वेल्डिंग का काम होता है. इस काम में युवा दक्षता हासिल कर रहे हैं. वेल्डिंग के अलावा 4 से 5 ऐसे काम होते हैं जो इन युवाओं को रेलवे के एक्सपर्ट सिखाते हैं.
इच्छुक युवा अपने मंडल पर रेलवे से संपर्क कर सकते हैं. 15 दिनों के बाद इन युवाओं को संबंधित रेलवे एक सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. उसके सहारे इन युवाओं को आसानी से लोन भी मिल जाता है और वे अपना खुद का रोजगार भी शुरू कर सकते हैं. अकेले उत्तर पश्चिम रेलवे में 5 हजार से ज्यादा युवा अब तक निशुल्क ट्रेनिंग ले चुके हैं. रेल कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग लेने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं क्लास है.
की ये एक ऐसी पहल है जिस में युवा पढ़ाई करते हुए भी ट्रेनिंग ले सकते हैं और आगे अपनी पढ़ाई भी जारी रख सकते हैं. ट्रेनिंग रेलवे के एक्सपर्ट देते हैं. इसकी वजह से ट्रेनी युवाओं को काम में दक्षता हासिल होती है और वो बाहर निकल कर अपना काम शुरू कर सकते हैं. इसके साथ ही दूसरे लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं. बहरहाल इस ट्रेनिंग में लाखों युवा दिलचस्पी दिखा रहे है और रेलवे को भी इस मुहिम का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.