शामली। मेरठ-पानीपत रेल लाइन के सीमांकन के लिए पिलर लगाने का कार्य पूरा हो गया है। उड़ीसा की एसएम कंसलटेंट कंपनी ने दो माह में जीपीएस के माध्यम से पिलर लगाए हैं। रेलवे लाइन के मध्य छोटा गोल पिलर और बड़ा चकौर पिलर एक किमी दूरी में लगाया गया है। रेलवे लाइन के लिए तीस मीटर चौड़ाई में भूमि जल्द अधिग्रहण किए जाने की उम्मीद है।
हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी पानीपत व मेरठ को जोड़ने वाली रेल लाइन का सीमांकन गत दो मई से शुरू हुआ था। जीपीएस के माध्यम पानीपत के दिवाना से मेरठ के दौराला तक उड़ीसा की एसएम कंसलटेंट कंपनी के इंजीनियर विष्णुपाल के निर्देशन में पिलर लगाए गए हैं। इनमें दिवाना रेलवे स्टेशन से दौराला तक 100 बड़े पिलर, 300 छोटे पिलर हैं। अफसरों के मुताबिक रेल लाइन के लिए 30 मीटर और नदियों के आसपास 35-40 मीटर चौड़ाई में भूमि अधिग्रहण किए जाने की योजना है। एक किमी की दूरी में बड़ा पिलर एक और छोटे पिलर दो लगाए गए हैं।
एसएम कंसलटेट कंपनी के इंजीनियर विष्णुपाल के मुताबिक कैराना में सहपत के समीप रेलवे पुल, एलम में रेलवे फ्लाईओवर, डांगरौल और राजपुर छाजपुर में कृष्णा नदी पर पुल, जौला गांव में हिंडन व कृष्णा नदी पर पुल, बुढ़ाना और बायवाला के समीप बड़ौत-बुढ़ाना-मुजफ्फरनगर मार्ग पर रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण होगा। बपारसी गांव के बाहर हिंडन व सरधना में फ्लाईओवर बनेंगे। पानीपत के दिवाना, शामली के एलम और मेरठ के दौराला में क्रॉस जंक्शन प्रस्तावित हैं। भूमि चिह्निकरण के बाद अब रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद राजस्व टीम रेल लाइन में आने वाले किसानों की भूमि, खसरा नंबरों की पैमाइश तैयार कर जिला प्रशासन को मुआवजा सूची सौंपेगी।
करीब दो माह पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के प्रतिनिधिमंडल में शामिल संजीव फौजी ने बताया कि रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव आश्वासन दे चुके हैं कि इस रेल लाइन का बजट संसदीय बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।
मेरठ-पानीपत रेलवे लाइन के बिछाए जाने से हरियाणा के पानीपत व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ जिले विकसित होंगे। वहीं, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब व हिमाचल आने-जाने की सुविधा बढ़ेगी। लंबी दूरी की नई ट्रेनें शामली जिले से होकर दूसरे राज्यों को जाएंगी ।