मेरठ। महिला पर तेजाब फेंकने के मामले में जेल में बंद आरोपी रोहित की शनिवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने जेल प्रशासन पर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अंतिम संस्कार के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे। वहीं, जेल अधीक्षक ने जिला जज और डीएम से मौत की न्यायिक जांच कराने के लिए पत्र लिखा है।शताब्दीनगर में हवाई पट्टी की ओर एक महिला पर नवंबर 2018 में बाइक सवारों ने तेजाब फेंक दिया था। महिला का चेहरा और सिर झुलस गया था। उसे दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला के पिता की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था।
जांच में सामने आया था कि स्कूल संचालक अजब सिंह, अंकित, रिंकू, रोहित और रवि ने वारदात को अंजाम दिया। महिला अजब सिंह के स्कूल में पढ़ाती थी। आरोप है कि अजब सिंह उसे परेशान करता था। महिला ने यहां नौकरी छोड़ दी थी और एक निजी कंपनी के स्टोर में काम करने लगी।
आरोप है कि इसके बाद ही महिला पर तेजाब फेंका गया था। मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसी मामले में आरोपी रोहित को जेल में अस्पताल के पास कमरे में हत्यारोपी के साथ एकांतवास में रखा गया था। शनिवार सुबह बेसुध मिलने पर उसे अस्पताल ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परतापुर पुलिस ने गगोल में परिजनों को रोहित की जेल में मौत की सूचना दी। साथ ही बताया कि उसका शव पोस्टमार्टम कराने के लिए मोर्चरी भेज दिया है।
रोहित के परिजनों ने शव देखकर जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि ऐसा कुछ नहीं था कि राेहित आत्महत्या जैसा कदम उठाता। भाई विनीत और चचेरे भाई ध्यान सिंह ने बताया कि रोहित का चेहरा बुरी तरह से कुचला था। उसे ईंटों से पीट-पीटकर मारा गया है। गले पर भी रस्सी के निशान थे। उसकी हत्या की गई है। अंतिम संस्कार से निपटने के बाद जेल प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रोहित के परिजनों ने बताया कि तेजाब फेंकने के मामले में राेहित सहित अन्य आरोपियों को 24 फरवरी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। रोहित जेल से बाहर आ गया था। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पीड़िता सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। पांच अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्हें नौ अप्रैल को कोर्ट में पेश किया था। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था।