गोवा| आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हमारे आसपास कई जगहों पर हो रहा है. इंटरनेट पर कुछ सर्च करना हो या फिर घर की चीजों का स्मार्ट होना. इन सब में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारी मदद कर रहा है. अब लोगों की जान बचाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा. गोवा के बीच पर आपको AI पावर्ड रोबोट मिलेंगे.
लाइफगार्ड एजेंसी Drishti Marine ने सेल्फ ड्राइविंग रोबोट्स Aurus और Triton को इंट्रोड्यूस किया है, जो AI पावर्ड है. ये दोनों मॉनिटरिंग सिस्टम है, जो लोगों की जान बचाने में टीम की मदद करेंगे. आइए जानते हैं ये अपना काम कैसे करेंगे.
दृष्टि मरीन के ऑपरेशन हेड नवीन अवस्थी ने बताया, ‘दोनों ही AI-मॉनिटर कैमरा बेस्ड सिस्टम हैं, जो अपने आसपास की चीजों को स्कैन करके रिस्क डिटेक्ट करते हैं. साथ ही ये रियल टाइम इंफॉर्मेशन लाइफगार्ड्स से शेयर करेंगे, जिसकी वजह से गार्ड्स किसी आपात स्थिति में तेजी से रिस्पॉन्स कर सकेंगे.’
Aurus की मदद से टीम गोवा बीच पर ज्यादा बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग कर सकेगी. ये एक सेल्फ ड्राइविंग रोबोट है, जिसे लाइफसेवर्स की मदद के लिए डेवलप किया गया है. ये नॉन-स्विमिंग जोन में पेट्रोलिंग करेगा और टूरिस्ट्स को बड़ी लहरों की जानकारी भी देगा. उन्होंने बताया कि इन रोबोट ने 110 घंटे के ऑटोनॉमस वर्क आवर पूरा कर लिया है. इसने 130 किलोमीटर का एरिया कवर किया है.
Triton भी Aurus के साथ काम करेगा, जिससे लाइफगार्ड्स को बीच की पूरी डिटेल्स मिलेंगी. Triton ने अब तक 19 हजार घंटों का रन टाइम पूरा कर लिया है. अवस्थी ने बताया, ‘बीच मॉनिटरिंग के लिए नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से माइग्रेटेड रिस्क को कम किया जा सकेगा और लोगों की सुरक्षा बेहतर होगी.’
दोनों ही AI सिस्टम को टेक लाइफसेवर्स ऑपरेट करेंगे. कंट्रोल रूम में बैठी टीम फैसला करेगी कि ये दोनों रोबोट्स किस एरिया में पेट्रोलिंग करेंगे. Aurus मिरामार बीच पर रहेगा, जबकि Triton कई बीच पर मौजूद होगा. दृष्टि मरीन का मानना है कि बीच मॉनिटरिंग के लिए रोबोट्स और AI बेस्ड सिस्टम के इस्तेमाल से बहुत कुछ आसान होगा.