अयोध्या। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर धौरहरा की रामवाटिका में वट वृक्ष पर सरयू से लाया जल चढ़ेगा। यह वट वृक्ष गोस्वामी तुलसीदास ने धौरहरा प्रवास के दौरान लगाया था। राम वाटिका में 16 से 22 जनवरी तक विभिन्न धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। यहां बनने वाले भोग प्रसाद में अयोध्या की सरयू नदी के जल का ही प्रयोग किया जाएगा। रामवाटिका उत्थान समिति अयोध्या धाम से रज भी लाएगी जिसकी पूजा राम वाटिका में होगी। करीब 450 साल पहले धौरहरा कस्बे के पास गोस्वामी तुलसीदास आए थे। वह जिस स्थान पर रुके थे,
उस जगह को रामवाटिका के नाम से पहचान मिली। बलिया में 55 फुट के बैठे हनुमान की प्रतिमा के भीतर श्रीराम नाम लिखीं छह अरब पर्चियां बलिया के बैरिया क्षेत्र के गांव कर्णछपरा में स्थित ठकुरी बाबा स्थान पर स्थापित 55 फुट की हनुमान जी की प्रतिमा में ‘रामनाम’ संकीर्तन और अन्य महामंत्रों की छह अरब पर्चियां रखी गई हैं।
श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या में स्थापित ‘श्रीराम नाम बैंक’ से भी राम नाम लिखीं दो ट्रक पुस्तिकाओं को भी इस प्रतिमा में डाला गया है। इनके अलावा खपड़िया बाबा परिवार से जुड़े हजारों भक्तों ने राम नाम लिखी पुस्तिकाएं प्रतिमा के लिए भेजी थीं।