नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का सफर करने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। बढते प्रदूषण के चलते सरकार ने कडा एक्शन लिया है, जिसके कारण वेस्ट यूपी, हरियाणा तथा राजस्थान के यात्रियों का दिल्ली तक आना मुश्किल हो गया है।
सरकार ने जो नई व्यवस्था लागू की है, उसके चलते अब करीब 500 रोडवेज बसें दिल्ली में दाखिल नहीं हो पाएंगी। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने एक नवंबर बुधवार से बीएस-3 और बीएस-4 डीजल बसों की एंट्री पर रोक लगा दी है। सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी वाली बसों को प्रवेश दिया जाएगा।
दिल्ली में एक नवंबर से बीएस-3 और बीएस-4 डीजल बसों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह पाबंदी एनसीआर के शहरों से दिल्ली आने वाली बसों पर लागू होगी। सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी चालित व बीएस-6 डीजल बसों को ही प्रवेश दिया जाएगा।
दिल्ली परिवहन विभाग के इस आदेश से एनसीआर के शहरों से चलने वाली 500 से अधिक बस सेवाएं प्रभावित हो सकती है। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली परिवहन विभाग ने बीएस-3 व बीएस 4 डीजल बसों पर पाबंदी का आदेश जारी किया है।
दिल्ली में दूसरे राज्यों (हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत अन्य राज्य) से रोजाना 1433 से अधिक बसें आती हैं। इनमें 500 से अधिक बसें पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के उन शहरों से आती हैं, जो कि एनसीआर में शामिल है।
परिवहन विभाग के इस आदेश के बाद एनसीआर के कुल 21 शहरों से आने वाली 500 से अधिक बसों का परिचालन प्रभावित हो सकता है। एनसीआर के शहरों में हरियाणा के भिवानी, सोनीपत, पानीपत, रेवाड़ी, जींद समेत कुल 11 शहरों से बस परिचालन प्रभावित होगा।
राजस्थान के तीन शहर भरतपुर, अलवर और भिवाड़ी की बस सेवाएं प्रभावित होगी, जबकि उत्तर प्रदेश का मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद व नोएडा समेत कुल 7 शहर शामिल है।
हरियाणा के भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, राजस्थान के अलवर, भरतपुर और भिवाड़ी तथा उत्तर प्रदेश के बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्दनगर, गाजियाबाद, हापुड़, मैरठ, मुजफ्फरनगर जिले की पुरानी बसों की अब दिल्ली में एंट्री न होने से यात्रियों का सफर मुश्किल हो जाएगा।
दिल्ली पर्यटकों का पसंदीदा शहर है। पर्यटकों के लिए ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की ज्यादातर बसें डीजल चालित होती हैं। ऐसे में पर्यटकों पर इस पाबंदी का असर ना पड़े, इसलिए ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बीएस-4 बसों के प्रवेश व परिचालन पर कोई पाबंदी लागू नहीं होगी।