ग्रेटर नोएडा। पुलिस पूछताछ में स्क्रैप माफिया रवि काना और काजल कई अहम खुलासे किए हैं। करीब आठ घंटे तक हुई पूछताछ में रवि ने संरक्षण देने वालों जिन लोगों के नाम बताए हैं उनमें 30 से ज्यादा अधिकारी और 40 से ज्यादा नेता और मीडियाकर्मी शामिल हैं। पुलिस ने पूछताछ का तस्करा थाने के रोजनामचे में भी डाला है। हालांकि बड़े लोगों के नाम सामने आने के बाद अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। फिलहाल अधिकारी जांच जारी होने और कानून अपना काम करेगा जैसी बातें कह रहे हैं।
रवि काना पर 30 दिसंबर 2023 को सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके एक दिन बाद ही गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। रवि की पहुंच इतनी थी कि मददगारों ने उसे पहले ही आगाह कर दिया था। यही वजह रही कि वह इन मुकदमों के दर्ज होने से पहले ही विदेश भाग गया। मुकदमे दर्ज होने के बाद पुलिस ने स्थानीय स्तर पर माफिया के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू किया। इसी क्रम में पुलिस रवि के गांव दादूपुर पहुंची। वहां पर एक बड़े नेता का छह फीट लंबा फोटो और उसमें रवि की नजदीकी देख पुलिस हैरान रह गई।
अहम है कि इससे पहले रवि वर्ष 2018 में गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद पांच साल तक वह अपराध में लिप्त रहा। इस दौरान उसे नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण मिला। बताया जाता है कि यही वजह रही कि उसका काला कारोबार बढ़ता चला गया। यह सभी अब जांच के दायरे में है। गिरफ्तार किए जाने के बाद रवि काना को अपनी सुरक्षा का डर सता रहा है। थाना नॉलेज पार्क में पुलिस हिरासत में उसे जिस कमरे में रखा गया उसमें खिड़की भी थी। बताया जाता है कि उसने पुलिस से खिड़की के पास नहीं रखने की गुहार लगाई। उसने हमला होने की आशंका जताई। पूछताछ के दौरान रवि ने पुलिस अधिकारियों के सामने भी यही बात दोहराई।
रवि काना और काजल झा को पुलिस ने जिला अदालत में पेश किया गया तो वहां पर रवि की मां और बहन के अलावा परिवार के लोग पहुंचे। हालांकि रवि परिजनों से मुलाकात नहीं कर सका। शुक्रवार रात कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में थाना नॉलेज पार्क में दोनों आरोपियों से 100 से अधिक सवाल पूछे गए। पहले दोनों ने अलग-अलग पूछताछ हुई। इसके बाद दोनों को आमने-सामने बैठा कर सवाल पूछे गए। इसके बाद एक बड़े पुलिस अधिकारी के कार्यालय में पूछताछ की गई। इनमें माफिया के काले कारोबार से लेकर सहयोगियों के संबंध में सवाल पूछे गए। इस दौरान काजल झा कई बार रो पड़ी।
रवि काना म्यांमार और नेपाल के रास्ते भारत आकर अपनी गतिविधियों को जारी रखने की फिराक में था। हालांकि कमिश्नरेट पुलिस ने इसे विफल कर दिया। रवि और काजल से पूछताछ में उसके मंसूबों का पता चला है। पुलिस धीरे धीरे रवि काना गिरोह पर लगातार शिकंजा कसती रही और उसे भारत आने को मजबूर कर दिया। रवि थाईलैंड में पर्यटक के रूप में समय गुजारने के लिए पहुंचा था। उसे उम्मीद थी कि वीजा अवधि पूरी होने तक मामला शांत हो जाएगा। ऐसा नहीं होने पर उसने बर्मा और नेपाल के रास्ते भारत आने की तैयारी में जुट गया। हालांकि वह इसमें सफल नहीं हुआ। इधर कमिश्नरेट पुलिस ने रवि काना गैंग पर दोहरी मार की।
गिरोह के बदमाशों की गिरफ्तारी के साथ काली कमाई से खड़ा किया आर्थिक साम्राज्य भी ध्वस्त किया। गैंगस्टर एक्ट में पुलिस ने 16 बदमाशों को नामजद किया था। इसमें रवि काना की पत्नी मधु नागर का नाम भी था। पुलिस ने एक-एक करके सभी को गिरफ्तार करना शुरू किया। गिरफ्तारी से दबाव बना तो रवि की पत्नी मधु नागर को भारत आना पड़ा।
रवि का मानना था कि पत्नी के भारत पहुंचने के बाद स्थितियां कुछ आसान होंगी। पत्नी की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस की कार्रवाई नरम नहीं पड़ी। पुलिस ने रवि की फैक्टरी, गोदाम, घर, कोठी आदि पर कुर्की की कार्रवाई की। 250 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया। साथ ही सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जिससे उसे मजबूरन लौटने का रास्ता चुनना पड़ा।