नई दिल्ली। रोहित शर्मा अब विराट कोहली के बाद भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान हैं और उनकी कप्तानी में शुक्रवार से श्रीलंका के खिलाफ भारत पहली बार टेस्ट मैच खेलने उतरेगा और एक नए अध्याय की शुरुआत हो जाएगी। इसमें कोई शक नहीं कि रोहित शर्मा बेहद काबिल कप्तान व क्रिकेटर हैं और उनकी कप्तानी में भारतीय टीम जरूर और ऊंचाईयों को छूएगी, लेकिन विराट कोहली ने भी बतौर टेस्ट कप्तान भारत के लिए काफी कुछ किया जिसे हमेशा याद रखा जाएगा।
इंग्लैंड दौरे के बाद अगली बार जब कोहली ने रेड-बाल क्रिकेट में भारत के लिए कदम रखा, तो वह टीम के कप्तान थे क्योंकि धौनी ने 2014-15 के आस्ट्रेलिया दौरे में अचानक कप्तानी छोड़ने का फैसला कर लिया था। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में सीरीज के चौथे और अंतिम मैच में कोहली ने अस्थायी आधार पर भारतीय टीम की कमान संभाली थी। साथ ही दोनों पारियों में शतक जड़कर इस मौके को यादगार बना दिया। कोहली ने उस दौरे में चार मैचों में 692 रन बनाए थे, जिसमें चार शतक शामिल थे।
विराट 2014 दौरे में इंग्लैंड में पूरी तरह फ्लाप रहे थे। चार साल बाद भारत के अगले इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने अपने कंधों से इस बोझ को उतार ही दिया। जब 2018 में पांच टेस्ट मैचों में दो शतक और तीन अर्धशतक के साथ 593 रन बनाए थे।
कोहली ने सात साल तक सबसे लंबे प्रारूप में टीम का नेतृत्व करने के बाद साल 2022 की शुरुआत में कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था। वह 68 टेस्ट मैचों में 40 जीत के अभूतपूर्व रिकार्ड के साथ लाल गेंद के क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने पहली बार आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीती, जबकि श्रीलंका और वेस्टइंडीज में भी जीत दर्ज की। कोहली के नेतृत्व में भारत पिछले साल इंग्लैंड में सीरीज जीतने के कगार पर था। कोरोना के कारण आखिरी टेस्ट नहीं होने के कारण उस सीरीज का फैसला नहीं हुआ है। भारत उस सीरीज में बढ़त बनाए हुए है।
-2011 विश्व कप के तुरंत बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया। उस दौरे के लिए सचिन तेंदुलकर को आराम दिया गया था। उस सीरीज में विराट बिना किसी शतक-अर्धशतक के तीन मैच में 76 रन बना पाए। इसके बाद उन्हें जुलाई में इंग्लैंड के दौरे के लिए नहीं चुना गया
-2011 में अपना पहला अर्धशतक उन्होंने नंबर छह पर खेलते हुए लगाया था। इस बार उन्होंने घर में वेस्टइंडीज के खिलाफ ऐसा किया। वानखेड़े स्टेडियम में सीरीज के तीसरे मैच की पहली पारी में 52 तो दूसरी पारी में 63 रन बनाए
-2012 में एडिलेड में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट शतक बनाया। कुछ महीने बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू धरती पर पहला टेस्ट शतक लगाया। वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद भारत की पहली सीरीज के दूसरे टेस्ट में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में 103 रन की पारी खेली
-2014 में इंग्लैंड का दौरा उनके करियर के लिए ना भूलाने वाला पल होगा। 10 मैचों में वह सिर्फ 134 रन ही बना पाए थे। स्विंग और पेस ने उन्हें खासा परेशान किया था। विराट कई बार कह चुके हैं कि उस दौरे की असफलता ने उन्हें डिप्रेशन में डाल दिया था।