मेरठ. रेल सेवा के लिहाज से वर्षों से उपेक्षित मेरठ में नई उम्मीद की किरण जगी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेरठ-हस्तिनापुर-बिजनौर रूट पर नई रेल लाइन के सर्वे को मंजूरी दे दी है। बतातें चलें कि 105 किलोमीटर लंबी मेरठ – पानीपत रेलवे लाइन के लिए सर्वे कार्य पूरा हो गया है। धन आवंटन होते ही कार्य शुरु हो जाएगा। राज्य सभा सदस्य कांता कर्दम ने 23 मार्च को संसद में मामला उठाया था। वहीं दूसरी ओर मेरठ से गुजरने वाली सभी ट्रेनों में जनरल टिकट की सुविधा अब शुरू हो गई है और गुरुवार को चलेगी राज्यरानी एक्सप्रेस।
हस्तिनापुर में रेलवे लाइन बिछाने और स्टेशन बनाने की मांग की थी। हस्तिनापुर में जैन धर्म का तीर्थ स्थल है। महाभारत काल से भी इसका संबंध है। रेल मंत्री के मेरठ हस्तिनापुर बिजनौर तक रेलवे लाइन के सर्वे की घोषणा क बाद लगभग 65 किलोमीटर तक रेलवे लाइन बिछाने की उम्मीदों को धरातल पर उतरने की संभावना जगी है। नौ वर्ष पूर्व बजट में हुआ था प्रस्ताव वर्ष 2011 में जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थी तो रेल बजट में 190 नई रेल लाइन में यह प्रोजेक्ट शामिल था।
वर्ष 2017 के बजट में 398 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए 662 करोड़ का बजट भी स्वीकृत हुआ था। लेकिन बाद में देवबंद और रुड़की को प्राथमिकता दे दी गई। दौराला से बिजनौर तक 12 स्टेशन बनाने की योजना थी। बतातें चलें कि दौराला से पानी पत के लिए भी रेलवे लाइन जाएगी। ऐसे में दौराला एक बड़े स्टेशन के रूप में विकसित हो जाएगा। दौराला से बड़ा मवाना, हस्तिनापुर होते हुए 62.5 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिजनौर तक जाएगी। इससे पश्चिम उप्र के जिले आपस में जुड़ जाएंगे। बड़ी आबादी को रेल सुविधाओं का फायदा मिलेगा।
मेरठ : सिटी स्टेशन से 44 ट्रेनें गुजरती हैं। अब सभी ट्रेनों में जनरल टिकट पर यात्रा की सुविधा आरंभ हो गई है। कोरोना काल के चलते जनरल टिकट पर रोक लगा दी गई थी। केवल आरक्षित टिकटों पर ही यात्रा की सुविधा थी। जनरल टिकट लेकर यात्री अब अनारक्षित कोच में यात्रा कर सकेंगे।
मेरठ : लखनऊ से बुधवार को चलने वाली राज्यरानी नहीं संचालित हुई। मेरठ से ट्रेन गुरुवार की सुबह 6.40 बजे रवाना हो गई। वहीं लखनऊ से मेरठ के लिए दोपहर 2.45 बजे ट्रेन का संचालन होगा। पिछले दो माह से ट्रेन का संचालन रद चल रहा है। स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि ट्रेन का रैक तैयार कर लिया गया है।