मेरठ।  आठ साल के मासूम बंसी की हत्या के बाद उसकी मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। टीपीनगर थाने में मां-बेटी पुलिस वालों से इंसाफ की मांग करती रहीं। वे रोते हुए बस यही कहती रहीं कि जिस दरिंदे ने उनके मासूम बच्चे को मार डाला, उसको उनके हवाले कर दो। मां भारती और बहन संगीता कई बार रोते-रोते बेहोश हो गईं।

एलकेजी के छात्र बंसी का शव बरामद होने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मां भारती बेटे के शव को गोद में लेकर विलाप करती रही। पुलिस ने किसी तरह परिजनों को मनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। आरोपी सुमित के थाने में होने के चलते सभी महिलाएं और पुरुष टीपीनगर थाने पहुंच गए। उन्होंने सुमित को उनके हवाले करने की मांग कर दी। परिजन विलाप करते हुए कह रहे थे कि जिस तरह से सुमित ने मासूम की हत्या की है, उसको भी वैसी ही सजा मिलनी चाहिए।

मां और बहन का विलाप देखकर हर किसी का कलेजा कांप उठा। हर कोई यही कह रहा था कि मासूम की इतनी बेरहमी से हत्या करते हुए दरिंदे के हाथ नहीं कांपे। मां रोते हुए बस यही कहती रही कि मेरा बच्चा कितना तड़पा होगा। पिता निर्दोष सिंह रोते हुए बार-बार यही कह रहे थे कि मासूम बेटा पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो हाहाकार मच गया। हर किसी की रुलाई फूट पड़ी। मोहल्ले के लोग परिजनों को देखकर यही कह रहे थे कि जिस दरिंदे ने इस घटना को अंजाम दिया है, उसको भी ऐसी ही सजा मिले।

बंसी के पिता निर्दोष ने बताया कि रात को 10 बजे पुलिस चौकी पर बच्चे के अगवा होने की सूचना दी गई। पुलिस की फैंटम मौके पर पहुंची। बच्चे का नाम पता लिखने के बाद पुलिसकर्मी वापस लौट गए। उसके बाद कोई पूछने नहीं आया। जिसके बाद परिवार वाले रातभर खुद ही बिजली बंबा के आसपास बच्चे की तलाश में जुटे रहे।

बंसी का शव जब गड्ढ़े से बरामद हुआ तो सुमित भी वहीं मौजूद था। बंसी के परिजनों ने सुमित को पकड़कर उस पर हत्या करने का आरोप लगा दिया। पुलिस सुमित को उनसे छुड़ाकर थाने लाई। निर्दोष सिंह गुर्जर समाज से हैं, आरोपी सुमित दलित समाज से है।