मेरठ. भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में एकतरफा जीत हासिल करने की रणनीति पर कदम बढ़ रही है। उपचुनाव परिणाम से गदगद बीजेपी ने अपना लक्ष्य भी बदल दिया। पहले मिशन 75 था, पर अब सभी 80 सीटें हासिल करने टारगेट रखा है। हालांकि बीजेपी के इस लक्ष्य को भेदने के लिए वेस्ट यूपी को फतह करना लाजमी होगा। यूपी की हारी गई 14 सीटों में से छह वेस्ट यूपी की ही हैं।
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 64 सीटें जीती थी। 16 सीटें बीएसपी एसपी और कांग्रेस ने जीती थी। लेकिन 26 जून को उपचुनाव के परिणाम में रामपुर और आजमगढ़ को भी बीजेपी जीत चुकी है। अब बची 14 सीटों संभल, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, रायबरेली, लालगंज, मैनपुरी, गाजीपुर, घोसी, श्रावस्ती, जौनपुर आदि जीतने पर फोकस है। इन 14 में से छह संभल, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, नगीना, सहारनपुर वेस्ट यूपी की हैं।
संभल से सपा के शफीकुर्रहमान बर्क को 174826 वोट मिले थे जो कि बीजेपी से 14.77 प्रतिशत ज्यादा थे। मुरादाबाद में सपा के डॉक्टर एसटी हसन को 97878 वोट मिले थे, ये बीजेपी से 7.63 प्रतिशत अधिक थे। अमरोहा में बीएसपी के कुंवर दानिश अली को 63248 वोट मिले थे, ये भी बीजेपी से 5.41 प्रतिशत अधिक थे। बिजनौर में बीएसपी के मलूक नागर को 69941 वोट मिले थे, ये बीजेपी से 6.35 प्रतिशत ज्यादा थे। नगीना से बीएसपी के गिरीश चंद्र को 166832 वोट मिले थे, ये बीजेपी से 16.53 प्रतिशत और सहारनपुर से बीएसपी के हाजी फजलुर्रहमान को 22417 मिले थे, जो बीजेपी से 1.82 प्रतिशत अधिक थे। इस अंतर को बीजेपी 2024 में खत्म करना चाहती हैं।
बीजेपी का तर्क है कि उसने 2017 में हारी हुई 78 विधानसभा सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव से काफी पहले से फोकस किया था, जिनमें से 29 सीटों पर कमल खिल गया था। इसी तर्ज पर पार्टी अब 2019 में हारी हुई 16 सीटों पर जीत की तैयारी में जुटी थी। रामपुर और आजमगढ़ में जीत के बाद अब यह संख्या घटकर 14 रह गई है। इन 14 में से 12 सीटें बीजेपी पहले जीत चुकी है। 2019 में तो बीजेपी के पास वेस्ट यूपी की सभी लोकसभा सीटें थी।
बीजेपी वेस्ट यूपी के प्रवक्ता गजेंद्र शर्मा का कहना है कि लखनऊ में बुधवार को हुई बैठक मे हाईकमान ने हर बूथ-20 यूथ का नया नारा दिया है। हर बूथ पर 20 ऐसे युवाओं को जोड़ना है। पार्टी अपने मूल मंत्र ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ है, पर मजबूती से आगे बढ़ेगी। 2019 के चुनाव में इन सीटों पर हार के क्या कारण रहे इस पर चर्चा की गई और प्रभारी और संयोजकों को अलग-अलग अलग सीटों पर दौरा कर सीधा मतदाताओं के फीडबैक लेने का जिम्मा दिया है। गजेंद्र शर्मा का कहना है कि जिम्मेदार भाजपाइयों को हारी हुई सीटों का प्रभारी बनाया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री और कुछ केंद्रीय मंत्री भी इन 14 लोकसभा क्षेत्रों में दौरा कर सकते हैं।