गाजियाबाद। गाजियाबाद में जल निगम की इकाई कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेस यानी सीएंडडीएस के दो पूर्व अधिकारियों पर भ्रष्टाचार की FIR रविवार को दर्ज हुई है। दोनों पर आरोप है कि 40 लाख रुपए का बिल भुगतान करने के बदले उन्होंने ठेकेदार से पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट के आदेश पर कविनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
मेरठ के गंगानगर निवासी ठेकेदार प्रेम सिंह ने एफआईआर में सीएंडडीएस के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक विक्रम सिंह बालियान और जूनियर इंजीनियर (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन) राहुल मौर्य को नामजद किया है। कविनगर थाना पुलिस ने आईपीसी के सेक्शन 504, 506, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सेक्शन 7 और 15 में यह केस दर्ज किया है। मुकदमे की जांच सिहानी गेट सीओ करेंगे।
प्रेम सिंह ने बताया कि वह बिल्डिंग कॉन्ट्रेक्टर हैं। साल 2013-14 में उन्होंने हापुड़ जिले के बहादुरगढ़, लुहारी, हिम्मतपुर, हरोरा, रसूलपुर, श्यामनगर में होम्योपैथी डिस्पेंसरी का निर्माण किया था। इसके अलावा कस्बा गढ़मुक्तेश्वर में दिव्यांग स्कूल की बिल्डिंग, ग्राम असौड़ा में 15 बेड के आयुर्वेदिक हॉस्पिटल का निर्माण भी प्रेम सिंह की कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया।
अप्रैल-2019 तक ये सभी निर्माण कार्य पूरे कराकर उत्तर प्रदेश जल निगम की इकाई कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेस को हैंडओवर कर दिया गया था। इसके बदले प्रेम सिंह की फर्म को 1 करोड़ 46 लाख रुपए का भुगतान हो चुका है। प्रेम सिंह ने बताया, “अभी 40 लाख 86 हजार रुपए का भुगतान शेष रह गया है।” आरोप है कि परियोजना प्रबंधक विक्रम सिंह बालियान ने भुगतान के बाबत बातचीत करने के लिए कॉन्ट्रेक्टर को 1 जनवरी 2020 को मेरठ-दिल्ली बाइपास स्थित एक रिसॉर्ट में बुलाया। प्रेम सिंह ने बताया, “रिसॉर्ट में परियोजना प्रबंधक ने बकाया भुगतान करने के बदले पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी।”
कॉन्ट्रेक्टर का कहना है कि रिश्वत लिए बिना अधिकारी ने बकाया भुगतान करने से साफ मना कर दिया। प्रेम सिंह का कहना है कि बीते दिनों परियोजना प्रबंधक विक्रम सिंह बालियान रिटायर हो गए। रिटायरमेंट वाले दिन भी वह अपना पैसा मांगने के लिए सीएंडडीएस के गोविंदपुरम, गाजियाबाद कार्यालय में पहुंचे। आरोप है कि रिश्वत नहीं देने पर उसका भुगतान नहीं हो सका। उल्टा, अधिकारियों ने अभद्रता की और जान से मारने की धमकी भी दी।