जयपुर। कांग्रेस से भाजपा में शामिल होकर लोकसभा टिकट हासिल कर चुके महेन्द्रजीत सिंह मालविया और ज्योति मिर्धा के बाद अब कांग्रेस भी भाजपा के बागियों को अपने पाले में लेने में जुट गई है। इसमें भाजपा सांसद चूरू राहुल कस्वा जैसे नामों को लेकर चर्चा बनी हुई है। इसके अलावा कांग्रेस नागौर में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी और दक्षिणी राजस्थान में आदिवासी पार्टी से गठबंधन के प्रयासों में कांग्रेस से जुड़ने की चर्चाएं हैं।
भाजपा ने कांग्रेस के दो नेताओं को लोकसभा टिकट दे दिया तो कांग्रेस भी चाहती है कि मजबूत जनाधार वाले भाजपा के बागी नेताओं को कांग्रेस से जोड़कर चुनावी मैदान में उतारा जाए। इसमें चूरू से पूर्व सांसद राहुल कस्वा का नाम सबसे ज्यादा सामने आ रहा है। इसके अलावा कांग्रेस इस बार के लिए वर्ष 2009 के चुनावों की तर्ज पर प्रतिष्ठित चेहरों में पूर्व राजपरिवार के सदस्यों, ब्यूरोक्रेसी-सेना से रिटायर्ड अफसरों, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों, फिल्मी कलाकारों आदि चेहरे भी तलाश रही है। पूर्व राजपरिवार के सदस्यों में कोटा, जोधपुर और अलवर से जुडेÞ नेताओं से संपर्क साधा जा रहा है।
कांग्रेस के जहां ज्यादा विधायक हैं, वहां कांग्रेस को अपनी लड़ाई मजबूत नजर आ रही है। इसी बीच कांग्रेस के लिए कुछ सीटें लंबे समय से चुनौती बनी हुई हैं। इनमें झालावाड़-बारां सीट पर कांग्रेस नौ बार से हार रही है और यहां जीत के लिए अभी भी कांग्रेस पूरी तरह आश्वस्त नजर नहीं आ रही। इसके अलावा बीकानेर, जालोर, चूरू सीटों पर भी कांग्रेस चार बार से हार रही है।
कांग्रेस नागौर सीट पर आरएलपी से गठबंधन करना चाहती है, वहीं चूरू में भाजपा सांसद राहुल कस्वा को अपने पाले में लेने की कोशिश की जा रही है। चित्तौड़गढ़ और बाड़मेर सीटों पर कांग्रेस निर्दलीय विधायकों चन्द्रभान सिंह आक्या, प्रियंका चौधरी और रविन्द सिंह भाटी को अपने उम्मीदवारों के सहयोग में साथ लेना चाहती है। कांग्रेस अपनी रणनीति में कितनी सफल होती है, यह आगामी दिनों में नजर आएगा।