मुजफ्फरनगर। वाल्मीकि क्रांति दल के संस्थापक दीपक गंभीर ने कहा कि वार्ड तीन से सभासद का चुनाव लड़ने वाली महिला आफरीन उर्फ अनीता ने गलत तरीके से आरक्षण का लाभ लेकर चुनाव लड़ा है। उसने 2011 में मुस्लिम युवक से शादी कर धर्म परिवर्तन किया था, जिसके बाद शपथ पत्र में जिलाधिकारी को इस्लाम धर्म कबूल करने की बात कही थी। उन्होंने इस मामले में जांच किए जाने की मांग की।
रुड़की रोड स्थित सभागार में पत्रकार वार्ता में दीपक गंभीर ने बताया कि 2011 में अनुसूचित जाति की महिला अनीता ने हसिबुर्रहमान से निकाह किया था। जिलाधिकारी को शपथ पत्र के साथ अपने जाल माल की सुरक्षा की मांग की थी। साथ ही बताया था कि वह इस्लाम धर्म कबूल कर अपना नाम अनीता से बदलकर आफरीन कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक धर्मांतरण दलित मुस्लिम और ईसाई को अनुसूचित जाति मानकर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। आरोप है कि वार्ड तीन आरक्षित होने के बावजूद भी आफरीन ने खुद को अनीता दर्शाते हुए सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। नियमों को तोड़कर चुनाव लड़ने वाली महिला पर कानूनी कार्रवाई की जाएं।
उधर, नवनिर्वाचित सभासद आफरीन उर्फ अनीता का कहना है कि उसने धर्म परिवर्तन नहीं किया है। इस मामले में पहले भी जांच हुई है। उनके सभी दस्तावेज अनीता के नाम से है। शादी के बाद अनीता ने हाईस्कूल भी की है। सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग भी है कि शादी के बाद भी जाति नहीं बदलती है, पिता की जाति ही मान्य होती है।