यूपी में शून्य से पांच साल तक के बच्चों की गिनती की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए हेड काउंट सर्वे कराने जा रहा है। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी सीएमओ को इसके लिए आदेश जारी किया है। ऐसा प्रदेश में खसरा और रूबेला के साथ ही नियमित टीकाकरण को ढर्रे पर लाने के लिए किया जा रहा है। टीकाकरण के लिए प्रदेशभर में जनवरी, फरवरी और मार्च में विशेष टीकाकरण पखवाड़े आयोजित किए जाएंगे।
कोरोना ने यूपी सहित तमाम राज्यों में नियमित टीकाकरण को बेपटरी कर दिया है। नतीजा यह है कि कई राज्यों में खसरा और रूबेला के तमाम केस मिल रहे हैं। संवेदनशीलता के मामले में यूपी देश में सबसे ऊपर है। सिर्फ खसरा और रूबेला ही नहीं बच्चों का बाकी टीकाकरण भी तय समय पर नहीं हो पा रहा। अब इसे सुधारने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाने का फैसला किया गया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने निर्देश दिए हैं कि पांच साल के तक बच्चों को एमआर की दो डोज सहित अन्य वैक्सीन की छूटी हुई डोज दी जानी है। टीकाकरण का आंकड़ा 95 फीसदी से अधिक करना है। इसके लिए आगामी तीन माह में प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच साल तक के बच्चों का हेड काउंट सर्वे कर उनकी टीकाकरण की स्थित देखनी है। तय प्रारूप पर इसकी रिपोर्ट ई-कवच पोर्टल पर अपडेट की जाएगी। यह काम 17 दिसंबर तक पूरा किया जाना है। आशा, आंगनबाड़ी, शहरी मोबिलाइजर, लिंक वर्कर यह सर्वे घर-घर जाकर करेंगे। हर घर पर मार्किंग की जाएगी। फिर छूटे हुए बच्चों का माइक्रो प्लान के हिसाब से टीकाकरण किया जाएगा।
छूटे हुए बच्चों के लिए प्रदेशभर में तीन विशेष टीकाकरण पखवाड़े आयोजित किए जाएंगे। इनमें पहला पखवाड़ा 9 से 20 जनवरी के मध्य, दूसरा 13 से 24 फरवरी के बीच और तीसरा 13 से 24 मार्च तक आयोजित होगा। यह विशेष पखवाड़े टीकाकरण के नियमित आयोजित होने वाले सत्रों से अलग होंगे।