मैनपुरी. उत्तर प्रदेश की हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीट मैनपुरी पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं. सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो गई है. सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य के बीच है. शुरुआती दो घंंटे की काउंटिंग में डिंपल यादव करीब 2 लाख से ज्यादा मतों से आगे चल रही हैं.
सपा के सामने चुनौती जहां अपनी परंपरागत सीट को बचाए रखने की है. वहीं, बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज कर बड़ा उलटफेर करने के साथ-साथ 2024 के लिए एक संदेश देना चाहती है. शुरुआती रुझानों में डिंपल यादव बढ़त बनाए हुए हैं. बता दें, मैनपुरी के अलावा उत्तर प्रदेश की रामपुर और खतौली विधानसभा के लिए भी चुनाव आयोग ने उपचुनाव कराए थे. वहां भी मतगणना शुरू हो गई है.
मैनपुरी सीट से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव सांसद थे. इस साल अक्टूबर में उनका निधन हो गया था. इसके बाद यह सीट खाली थी. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के सामने अपने पिता और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विरासत को बचाए रखने की चुनौती है. एक तरह से समाजवादी पार्टी की साख दांव पर लगी है. साथ ही साथी मैनपुरी के नतीजों से देश की सियासत में अखिलेश यादव का एक तरह से राजनीतिक कद भी आंका जाएगा.
यूपी की मैनपुरी सीट पर जिसका भी कब्जा होगा, उससे 2024 लोकसभा चुनावों के लिए एक अहम संदेश जाएगा. प्रदेश में इस उपचुनाव को लोकसभा के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. इस सीट को मुलायम सिंह यादव ने 1996 से पांच बार जीता है, जिसमें 2019 का लोकसभा चुनाव भी शामिल है. इस सीट पर अगर बीजेपी की जीत होती है, तो प्रदेश में विपक्षी दल और बीजेपी को हराने की उसकी एकजुटता को तगड़ा झटका लगेगा.
डिंपल यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी हैं. कन्नौज से लगातार दो बार सांसद रह चुकी हैं.
डिंपल यादव का जन्म 1978 में पुणे, (महाराष्ट्र) में हुआ था. उनके पिता कर्नल आरएस रावत (रिटार्य) और मां चम्पा रावत हैं.
उनका परिवार मूल रूप से उत्तराखंड का है. उनकी शिक्षा पुणे, बठिंडा और अंडमान निकोबार द्वीप और आर्मी पब्लिक स्कूल, नेहरू रोड, लखनऊ में हुई थी. डिंपल यादव की शादी अखिलेश यादव के साथ 1999 में हुई थी.
डिंपल यादव ने 2009 में फिरोजाबाद के लोकसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव लड़ा, लेकिन राज बब्बर के खिलाफ चुनाव में हार गईं.
डिंपल यादव ने 2019 के लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में कन्नौज से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के सुब्रत पाठक से 10,000 से अधिक मतों के अंतर से हार गयी थी.