मुज़फ्फरनगर । हर माह की 17 तारीख को भारतीय किसान यूनियन की मासिक पंचायत बुलाई जाती है। बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के इशारों में समर्थन से सरकारें बनती और गिरती रहीं, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में भाकियू के टिकैत बंधु खामोश हैं। इसे लेकर सियासत तेज है।
किसान आंदोलनों का लंबा इतिहास है। कभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खेड़ा सत्याग्रह से किसानों की आवाज उठाई थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल का बारदोली आंदोलन भी इतिहास है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में भारत रत्न चौधरी चरण सिंह ने किसानों की राजनीतिक ताकत दी।
वर्ष 1986 में मुसीबत से घिरे किसानों को बालियान खाप के चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने एकजुट किया। किसान आंदोलनों का नया केंद्र सिसौली का किसान भवन बन गया। समय के साथ देशभर के किसानों का लंबा कारवां भाकियू के पीछे हो लिया।
बाबा के इशारों ही इशारों में किए गए समर्थन से सरकार बनती-बिगड़ती रहीं लेकिन इस बार टिकैत परिवार खामोश है। सबके मन में यही सवाल है कि आखिर टिकैत ने विजयी भव: किसे कहा। मदन बालियान की रिपोर्ट…
प्रत्येक माह की 17 तारीख को भाकियू की मासिक पंचायत बुलाई जाती है। इस बार भी बुधवार को किसान भवन पर पंचायत होगी। लोकसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन होने जा रही इस पंचायत पर लोगों की निगाह टिकी है।
पंचायत में संगठन की बातें होंगी, किसान हितों पर मंथन किया जाएगा। लोगों के मन में यही सवाल है कि आखिर संगठन क्या इशारा करता है। उधर, भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा बताते हैं कि मासिक पंचायत है। जिम्मेदारी पदाधिकारी इसमें शामिल होंगे। संगठन अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुका है।
भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हमारे लिए सभी प्रत्याशी बराबर है। किसान अपनी मर्जी से मतदान करें। लोकतंत्र में मतदान सबका अधिकार है।
–केंद्रीय राज्यमंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी डॉ. संजीव बालियान ने भाकियू अध्यक्ष एवं बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत से मुलाकात की। सियासी गलियों में यह मुलाकात चर्चा का विषय रही।
–सपा प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पंकज मलिक ने भी किसान मसीहा महेंद्र सिंह टिकैत की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
–बसपा प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति भी समर्थकों के साथ किसान भवन पहुंचे और टिकैत से मुलाकात की। काफी देर तक हुई इस मुलाकात के भी मायने निकाले गए।
–बागपत लोकसभा सीट से भाजपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. राजकुमार सांगवान सिसौली पहुंचे। यह भी माना गया कि रालोद के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर ही सांगवान सिसौली पहुंचे थे।
–इसके बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी भाकियू अध्यक्ष से मुलाकात की। इस पारिवारिक मुलाकात को भी सियासत और चुनाव से जोड़कर देखा गया।
पहली बार ऐसा देखा गया कि भाकियू ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए चिट्ठी के माध्यम से संदेश जारी किया। राजनीतिक मंचों से दूरी बनाने की सलाह दी। साथ ही कहा कि भाकियू चुनाव में किसी का समर्थन और विरोध नहीं करती।
एमएलसी किरणपाल कश्यप भी नया दायित्व मिलने के बाद सिसौली पहुंचे थे। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने भी महेंद्र सिंह टिकैत की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
शुक्रताल के किसान मोनू चौधरी कहते हैं कि देश में किसान सबसे बड़ी ताकत है। किसानों की अपनी समस्याएं है। सरकार को समय-समय पर किसानों की हितों की चिंता करनी चाहिए।
काकड़ा गांव के किसान अनिल कहते हैं कि कुछ मिलों को छोड़ दें तो भुगतान की स्थिति में सुधार हुआ है। किसानों को फसलों का वाजिब दाम मिलना चाहिए। खेती पर खर्च बढ़ा है। किसानों के अपने मुद्दे हैं।