मुजफ्फरनगर: दवा व्यापार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर आरोप लगाया कि कुछ दवा व्यापार के कुछ फर्जी संगठन झूठी शिकायतें कर जिले को बदनाम कर रहे हैं और इससे दवा व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने फर्जी अनर्गल शिकायतें भेजकर दवा बाजार को बदनाम करने वाले तथाकथित व्यापारी नेताओं के ड्रग लाइसेंस की जांच कराये जाने की मांग की है।
शुक्रवार को मुजफ्फरनगर दवा व्यापार एसोसिएशन के लोग जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे और उन्होंने एक ज्ञापन देकर बताया कि मुख्यमंत्री के जीरो ड्रग्स अभियान के अंतर्गत हमारे संगठन द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के समन्वय से केमिस्टॉ में जागरूकता अभियान चलाया गया है। अग्निवीर भर्ती से पूर्व संगठन ने नशे की दवाइयों और इंजेक्शन की बिक्री न करने का संकल्प सभी दवा व्यापारियों को दिलवाया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ऐसे तथाकथित व्यापारी नेता है, जिनका ड्रग लाइसेंस नहीं है तथा जीएसटी तक में भी पंजीकृत नहीं है, वो निष्क्रिय कैमिस्ट संगठन के लैटर हेड पर मुख्यमंत्री को फर्जी शिकायतें भेजकर जिले को बदनाम कर रहे है। इन तथाकथित व्यापारी नेताओं की वजह से मुजफ्फरनगर में दवा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। सरकार के निर्देशों के अनुरूप कार्य करने वाले अधिकांशतया व्यापारी बेहद प्रताडित है।
व्यापारियों ने मांग की कि तथ्यों के आधार पर शिकायतों की जांच कराकर ही कार्यवाही की जाए। फर्जी अनर्गल शिकायतें भेज कर मुजफ्फरनगर के दवा बाजार को बदनाम करने वाले तथाकथित व्यापारी नेताओं के ड्रग लाइसेंस की जांच करायी जाये। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय मित्तल, अध्यक्ष रविन्द्र निर्वाल समेत दवा व्यापारी मौजूद रहे।