कानपुर। प्रसिद्ध प्रसिद्ध इत्र कारोबारी पीयूष पीयूष जैन के घर से 197 करोड़ बरामद होने के केस में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पीयूष जैन ने चार्ज शीट में बनाए गए अन्य 13 कारोबारी के साथ सिंडिकेट बनाकर टैक्स चोरी का खेल रचाया था। पकड़े जाने पर पीयूष जैन ने कहा कि यह पैसा उसका ही है।
महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस अहमदाबाद में पियूष के घर से 197 करोड़ की बरामद की तो पूरा देश हैरान हो गया। आखिर इतना कैश कैसे कोई घर में रख सकता है। इतनी धनराशि की अफसर को गिरने में 5 दिन लग गए और कैश को ले जाने के लिए DCM मांगनी पड़ी। जब पियूष जान से पूछताछ की गई थी तो पीयूष जैन ने बताया था कि पूरी रकम उसकी ही है लेकिन जांच में जैसे-जैसे सच्चाई सामने आई गई यह खुलासा हुआ कि सिर्फ पीयूष जैन ही नहीं तेरा अन्य लोग और कंपनियां भी इस खेल में शामिल है। पीयूष जैन ने सिंडिकेट बनाकर अरबो रुपए की टैक्स चोरी की और अर्बन का मालिक बन बैठा। किसी को इस बात की कानों कान खबर तक ना हो सकी।
अरबों की टैक्स चोरी करने के खेल में पीयूष जैन के साथ ही चार कंपनियां शामिल हैं। चार कंपनियों ने सिंडीकेट बनाकर अरबों रुपए की टैक्स चोरी की और अरबों के मालिक बन बैठे। डीजीजीआई की जांच में सामने आया कि पीयूष जैन मुंबई की जिस फर्म से कच्चा माल खरीद रहे थे, उसका नाम सुनील हिरानी की कंपनी मेसर्स कुशल चंद्र इंटरनेशनल प्रा. लि. है। जबकि माल तैयार होने के बाद यह कानपुर के त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्रा. लि. कानपुर के मालिक दीपक अग्रवाल और शैलेंद्र मित्तल को कंपाउंड बेच रहे थे। इसमें सबसे अहम भूमिका ट्रांसपोर्टर मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स प्रा. लि. और इसके मालिक प्रवीन कुमार जैन के साथ ही रजन जैन की रही। बोगस बिल और पर्चों पर ट्रांसपोर्ट किए जा रहे करोड़ों के माल को किसी ने हाथ तक नहीं लगाया। इन चारों कंपनियों और इनके मालिकों ने मिलकर पूरा खेल किया।
चारों कारोबारियों ने मिलकर कच्चे बिल पर्चे और बोगस बिलों से 2017 से लेकर 2021 तक 2760 करोड़ का कारोबार करके 497 करोड़ रुपए का टैक्स चुराया । कोई पीयूष के रहन-सहन को भी देखकर भांप नहीं पाता था कि इनकी हैसियत क्या है। स्कूटर से चलने वाले साधारण से व्यक्ति के घर में नोटों का खजाना भरा है। छापेमारी के बाद सभी नजदीकी दंग रह गए थे।
इस केस में सिर्फ पीयूष जैन ही नहीं उनका पूरा परिवार फंस गया है। इतना ही नहीं तीनों कंपनियों और पांचों सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल हो गई है। पहली फर्म ओडोकेम इंडस्ट्रीज में पीयूष जैन उनके भाई अमरीश जैन और पिता महेश जैन डायरेक्टर थे। जबकि दूसरी कंपनी ओडास्मिथ आईएनसी कन्नौज प्रोपराइटर पीयूष की पत्नी कल्पना जैन और तीसरी कंपनी फ्लोरा नेचुरल पीयूष की भाभी विजय लक्ष्मी के नाम थी। तीनों कंपनियों और पीयूष व उसके परिवार के सभी पांच लोगों को केस में आरोपी बनाया गया है।