उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के अफसरों को किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ा। यह देख पुलिस ने बलपूर्वक कब्जा लेने की कोशिश की तो किसान भड़क गए।
इसके बाद काफी देर तक पुलिस और किसानों में झड़प हुई। इसमें कई किसानों के कपड़े फट गए। पुलिस ने लाठी बरसाकर 18 किसानों को हिरासत में ले लिया लेकिन जमीन पर कब्जा नहीं ले पाई। पुलिस कार्रवाई के विरोध में किसानों ने आज पंचायत का एलान कर दिया था। जिसके बाद आज घिटोरा गांव में शिव मंदिर परिसर में हुई पंचायत में किसानों ने कहा कि किसान अपनी जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे और अपनी मांगें पूरी हाने तक आंदोलन जारी रखेंगे।
घिटौरा गांव की जमीन यूपीएसआईडीसी द्वारा अधिग्रहण की गई थी, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन अंबावत ने किसानों की जमीन पर टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया था। सोमवार गाजियाबाद पुलिस व प्रशासन ने लाठी फटकारकर धरना जबरन समाप्त कराया और किसानों के टेंट उखाड़ लिए। करीब 18 किसानों को घसीट कर हिरासत में ले लिया था।
पंचायत में किसानों का कहना है कि 13 अक्तूबर को भारतीय किसान यूनियन अम्बावत के देशभर के पदाधिकारी घिटौरा गांव पहुंचकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे जिसमे किसानों को उचित मुआवजे की मांग की जाएगी। इस मौके पर रोहित ढाका, करतार सिंह, रणवीर बैसला,बबली, जय निवास, प्रिंस, विपिन, महाराज सिंह, राधे श्याम, राजसिंह, सतपाल आदि रहे।
घिटौरा के अलावा गाज़ियाबाद के अगरौला और पाबी सादकपुर आदि गांवों के जंगल की जमीन गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश राज्य औधोगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 2010 में अधिग्रहण की गयी थी। जिसका उचित मुआवजा भी तय किया गया था। किसानों का आरोप है कि प्रशासन बिना मुआवजा दिये जमीन पर कब्जा कर रहा है। किसानों ने 2012 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गयी थी,किसान 2013 के सरकिल रेट के अनुसार मुआवजे की मागं करते आ रहे हैं।
वार्ता के बाद यूपीसीडा के अफसरों ने कब्जा लेने के लिए जमीन पर जेसीबी चलवा दी। यह देख किसान भड़क गए और जेसीबी के आगे लेट गए। पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की। इस पर पहले धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। किसानों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया। मौके से 18 किसानों को पकड़ लिया गया। उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया है। किसानों ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
भारतीय किसान यूनियन अंबावत के मेरठ मंडल अध्यक्ष नरेंद्र ने बताया कि वह अपनी कमेटी के साथ बैठकर इस लड़ाई की रणनीति बनाएंगे। वह किसानों की लड़ाई को कोर्ट में लेकर जाएंगे। अधिग्रहण की शर्ते पूरी होने तक कब्जा नहीं लेने देंगे।