शामली। गन्ना भुगतान की मांग को लेकर शामली शुगर मिल में चल रहा किसानों ने अपना धरना अब मिल के गन्ना यार्ड में शुरु कर दिया। यार्ड में धरना शुरु होने के बाद मिल के मजदूर अपना काम छोडकर चले गए, जिसके चलते एक नवम्बर से शुरु होने वाला मिल का पेराई सत्र अब आगे बढने की आशंका जताई जा रही है।
संपूर्ण गन्ना भुगतान कराने और मिल के तौल केंद्र दूसरी चीनी मिलों को आवांटित करने की मांग को लेकर धरना संयोजक संजीव लिलौन के नेतृत्व किसानों ने अपना बेमियादी धरना प्रशासनिक कार्यालय भवन से हटाकर गन्ना यार्ड में शुरू कर दिया। गन्ना यार्ड में किसानों का बेमियादी धरना शुरू हो जाने से मिल के मजदूर अपना कार्य छोड़कर चले गए हैं।
किसानों के गन्ना यार्ड में बेमियादी धरना शुरू हो जाने के बाद शामली चीनी मिल का एक नवंबर को शुरू होने वाला पेराई सत्र आगे बढ़ने की संभावना बढ़ गई है।
63वें बेमियादी धरने में सजीव शास्त्री लिलौन, जयवीर, धमेंद्र सिंह सिंभालका, विरेद्र सिंह, इंद्रपाल सिंह हसनपुर, वीरपाल सिंह मलिक लांक, अनिरुद्ध मलिक, प्रभात मलिक, इकबाल सिंह, मास्टर रामपाल सिंह, पंकज कुमार, बाबूराम, कर्मवीर सिंह, अरविंद शर्मा, भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेनपाल चौहान आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता समरपाल सिंह ने की।
मिल के वाइस प्रेजीडेंट सुशील चौधरी ने बताया कि किसान मिल यार्ड का गेट ट्रैक्टर से गेट तोड़कर अंदर घुसे हैं। उनका कहना कि किसानों के गन्ना यार्ड में धरना को देखते हुए मजदूर अपनी ड्यूटी छोड़कर चले गए हैं।
मिल चालू करने की एक नवंबर को हटाकर आगे बढ़ाए जाने की संभावना हो गई है। उन्होंने बताया कि शामली मिल ने बैंकों से 50 करोड़ रुपये का टर्म लोन के आवेदन किया था। बैकों की ओर से टर्म लोन की बैंकों की ओर से स्वीकृति जारी नहीं की गई है।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता एवं योजना आयोग के पूर्व सदस्य सुधीर पंवार ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि शामली मिल की दयनीय हालत को देखते हुए मिल को आसान कर्ज या वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर किसानों का बकाया गन्ना भुगतान कराए।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सरकार ने 2013-14 मे गन्ना किसानों के भुगतान के लिए 1060 करोड़ एवं 2014-15 में 2979 करोड़ की मदद सरकारी खजाने से सीधे किसानों के खाते में की थी।
इससे उन्हें 280 क्विंटल गन्ने का भुगतान हो पाया था। मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का पिछले वित्तीय वर्ष में 2.06 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है। वित्तीय संकट को देखते हुए किसानों के भुगतान के लिए सरकार को आगे आना चाहिए, क्योंकि किसानों ने सरकार की गारंटी पर ही चीनी मिल को गन्ना सप्लाई किया था। उन्होंने कहा कि योगी आदित्य नाथ सरकार शामली मिल की हालत को देखते हुए किसानों का भुगतान कराए।