गोरखपुर. दंपती के बीच समझदारी बढ़ाने और मां-बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे की योजना बनाई जाए। इसके अलावा, दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर रखा जाए। इसका सबसे बेहतर विकल्प है कि अंतरा इंजेक्शन। इसकी एक डोज लगवाने पर महिला को सौ रुपये मिलेंगे। दो साल तक हर तीन महीने पर यह डोज लेनी होगी। जो दो से पांच साल तक के गर्भ निरोधन में मददगार होगी।
सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 8,092 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया है। इस साल अप्रैल से जून माह तक 1,421 महिलाओं ने इसे अपनाया है। इसकी सुविधा सीएचसी, पीएचसी, न्यू पीएचसी और ज्यादातर स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर उपलब्ध है।
आशा कार्यकर्ता की मदद से यह सुविधा ली जा सकती है। अंतरा की लाभार्थी को सुविधा दिलवाने वाली आशा कार्यकर्ता को भी 100 रुपये प्रति डोज दिया जाएगा। बताया कि इंजेक्शन की पहली डोज चिकित्सक या कम्यूनिटी हेल्प ऑफिसर (सीएचओ) द्वारा लाभार्थी की स्क्रीनिंग होने के बाद ही प्रशिक्षित एएनएम या स्टॉफ नर्स से लगवाना है।
जिन महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली खाने में दिक्कत है, वे इस विधि का इस्तेमाल कर सकती हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी उपयुक्त है। गर्भाशय व अंडाशय के कैंसर से बचाव के साथ-साथ खून की कमी में फायदेमंद है। इस इंजेक्शन को बंद करने के बाद पुन: गर्भधारण में सात से दस माह लग जाते हैं। अगर बच्चों में तीन साल का अंतर रखना है, तो इंजेक्शन का चार से पांच डोज ही काफी है।