नई दिल्ली। विश्व कप 2023 के खत्म होने के बाद से लगातार इस बात की चर्चा थी भारतीय टीम का नया हेड कोच कौन होगा, लेकिन बुधवार को इन सभी सवालों का जवाब मिल गया। राहुल द्रविड़ मुख्य कोच के पद पर बने रहेंगे। इतना ही नहीं उनके साथ उनकी पूरी टीम का भी कार्यकाल बढ़ाया गया है। यानी विक्रम राठौड़ बैटिंग कोच, पारस म्हाम्ब्रे बॉलिंग कोच और टी दिलीप फील्डिंग कोच बने रहेंगे।
हालांकि, द्रविड़ को मनाना आसान नहीं था और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें रोहित शर्मा और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने अहम भूमिका निभाई है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि विश्व कप फाइनल में हार के बाद टी20 फॉर्मेट में टीम इंडिया का कोच बनने का प्रस्ताव आशीष नेहरा के सामने भी रखा गया था। हालांकि, उन्होंने इसे स्वीकार करने से साफ मना कर दिया।
दरअसल, 2024 में टी20 विश्व कप होना है और द्रविड़ समेत पूरी कोचिंग स्टाफ का कॉन्ट्रैक्ट विश्व कप खत्म होने के साथ ही खत्म हो गया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि नेशनल क्रिकेट एकेडमी के डायरेक्टर वीवीएस लक्ष्मण को मुख्य कोच बनाया जाएगा।
इन्हीं कयासों के बीच यह भी बात सामने आई थी कि बीसीसीआई ने द्रविड़ के सामने उनका कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा था, लेकिन द्रविड़ शुरू में इसके लिए तैयार नहीं थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कप्तान रोहित और अगरकर चाहते थे कि द्रविड़ कम से कम अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप तक टीम इंडिया के हेड कोच बने रहें। ऐसे में द्रविड़ को मनाने में उनका अहम रोल हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने ऐसा किया भी लेकिन आशीष नेहरा के मना करने के बाद। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज और आईपीएल में गुजरात टाइटंस के हेड कोच नेहरा को टी20 में भारतीय कोच बनने का ऑफर दिया गया था। बीसीसीआई उन्हें टी20 विश्व कप का बड़ा दायित्व देने पर विचार कर रहा था।
अगर वह हां करते तो भारतीय क्रिकेट में पहली बार स्प्लिट कोचिंग की प्रथा शुरू होती। यानी टी20 के लिए अलग कोच और वनडे-टेस्ट के लिए अलग कोच। हालांकि, नेहरा ने मना कर दिया। विश्व कप फाइनल के बाद बीसीसीआई द्वारा बात किए जाने पर नेहरा ने ऑफर ठुकरा दिया था। नेहरा टी20 विश्व कप को देखते हुए बीसीसीआई की पहली पसंद थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके द्वारा ऑफर ठुकराए जाने के बाद बीसीसीआई को अपने प्लान में बदलाव करना पड़ा।
नेहरा को गुजरात ने 2022 आईपीएल में कोच बनाया था और अपने पहली ही सीजन में गुजरात की टीम चैंपियन बनी थी। वहीं, 2023 आईपीएल में गुजरात की टीम लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंची थी। इस बीच द्रविड़ को भी आईपीएल में दो बड़ी टीमों से ऑफर आया था।
लखनऊ सुपर जाएंट्स और राजस्थान रॉयल्स ने उनके सामने मेंटर बनने का प्रस्ताव रखा था। बीसीसीआई नेहरा के जवाब का इंतजार कर रहा था और उनका जवाब आते ही द्रविड़ को ही तीनों प्रारूप में जारी रखने की बात बनी। वहीं, इन सभी कयासों पर विराम लगाते हुए द्रविड़ ने टीम इंडिया के साथ अपना अनुबंध बढ़ाने पर सहमति दे दी।
हालांकि, द्रविड़ विश्व कप खत्म होने के बाद कोच बने रहने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने फाइनल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा था कि इस बात के बारे में सोचने के लिए उनके पास बिल्कुल समय नहीं है कि वह कोच फिर से बनेंगे या नहीं। दरअसल, पिछले दो साल में भारतीय कोच रहते हुए उन्हें परिवार के साथ समय बिताने का बेहद कम समय मिला।
कई पूर्व क्रिकेटर्स इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि कोच बनने से निजी जिंदगी काफी प्रभावित होती है। आकाश चोपड़ा ने तो यहां तक कहा था कि खासतौर पर भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनना आसान नहीं है। द्रविड़ का बड़ा बेटा समित फिलहाल वीनू मांकड़ ट्रॉफी में कर्नाकट का प्रतिनिधित्व कर रहा है। वहीं, छोटा बेटा कर्नाटक अंडर-14 टीम का कप्तान है।
ऐसे में आकाश चोपड़ा को लगा था कि द्रविड़ फिर से कोच बनने को तैयार नहीं होंगे। वहीं, कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद द्रविड़ ने परिवार के त्याग पर भी बातचीत की। द्रविड़ ने कहा- इस भूमिका की मांग के कारण घर से काफी दूर समय बिताना पड़ता है और मैं अपने परिवार के त्याग और समर्थन की दिल की गहराई से सराहना करता हूं। पर्दे के पीछे उनकी महत्वपूर्ण भूमिका अमूल्य रही है। जैसा कि हम विश्व कप के बाद नई चुनौतियों को स्वीकार करते हैं, हम उत्कृष्टता की खोज के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कार्यकाल बढ़ाए जाने पर द्रविड़ ने कहा, ‘टीम इंडिया के साथ पिछले दो साल पूरी तरह से यादगार रहे हैं। हमने साथ में उतार-चढ़ाव देखे हैं और इस पूरी यात्रा के दौरान टीम के भीतर समर्थन और सौहार्द रहा है। हमने ड्रेसिंग रूम में जो संस्कृति स्थापित की है, उस पर मुझे वास्तव में गर्व है। हमारी टीम के पास जो कौशल और प्रतिभा है, वह अभूतपूर्व है। मैं बीसीसीआई और पदाधिकारियों को मुझ पर भरोसा करने, मेरे दृष्टिकोण का समर्थन करने और इस दौरान समर्थन प्रदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं।’
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा, ‘मैंने उनकी नियुक्ति के समय उल्लेख किया था कि मुख्य कोच की भूमिका संभालने के लिए राहुल द्रविड़ से बेहतर कोई व्यक्ति नहीं है और उन्होंने अपने प्रदर्शन से खुद को फिर से साबित कर दिया है। टीम इंडिया अब सभी प्रारूपों में एक मजबूत इकाई है। तीनों प्रारूपों में हमारी शीर्ष रैंकिंग सीधे उनके दृष्टिकोण, मार्गदर्शन और टीम के लिए उनके द्वारा तैयार किए गए रोडमैप को दर्शाती है। टीम के विकास के लिए सही मंच तैयार करने के लिए मुख्य कोच सराहना के पात्र हैं। मुख्य कोच को हमारा पूरा समर्थन प्राप्त है और हम उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर सफलता के लिए आवश्यक सभी सहायता प्रदान करेंगे।’
फिर से मुख्य कोच बनाए जाने के बाद अब आगे द्रविड़ के सामने कई मुश्किल चुनौतियां हैं। अपने दूसरे कार्यकाल में द्रविड़ के सामने पहला असाइनमेंट दक्षिण अफ्रीका का दौरा होगा। भारतीय टीम दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगी, जहां 10 दिसंबर से दोनों टीमों के बीच तीन वनडे, तीन टी20 और दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी।
टेस्ट सीरीज की शुरुआत 26 दिसंबर से बॉक्सिंग डे टेस्ट के रूप में होगी। इसके बाद जनवरी में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज होनी है। फिर द्रविड़ के सामने वेस्टइंडीज/यूएसए में जून में आयोजित होने वाली टी20 विश्व कप में टीम इंडिया के 10 साल के आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने की चुनौती होगी।