नई दिल्ली. ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के इस्तीफे की घोषणा के बाद ऐसा लग रहा था कि वहां की बागडोर पहली बार एक भारतवंशी के हाथों में आएगा लेकिन अब यह उम्मीद धूमिल हो गई है. सर्वे के मुताबिक भारतवंशी ऋषि सुनक लिज ट्रस से काफी पीछे हैं और इस बात की पूरी संभावना है कि लिज ट्रस ब्रिटेन की अगली पीएम होंगी. 2020 में जब ऋषि सुनक को ब्रिटने का वित्त मंत्री बनाया गया था, तो पहली बार संसद में प्रवेश करने के सिर्फ पांच साल बाद वे ब्रिटेन की राजनीति में तेजी से बहुत ऊंचा मुकाम हासिल कर लिया था.
कोविड -19 महामारी से सही तरीके से निपटने के लिए उनकी हर तरफ तारीफ होने लगी. उस समय, वह प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन के इतने करीब थे कि कई लोगों को डर था कि वित्त मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति राजकोष की स्वतंत्रता से समझौता कर सकती है. उनकी लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ता गया. यहां तक कि सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी में और ब्रिटिश जनता में से अधिकांश ने उन्हें देश के अगले नेता के रूप में देखना शुरू कर दिया था. लेकिन कैरियर के शीर्ष पर जाने के सिर्फ दो साल बाद जिस तेजी से वे ऊंचे गए, ऐसा प्रतीत होता है कि उसी तेजी से वे नीचे भी गिर रहे हैं.
12 अगस्त को जब ऋषि सुनक ने पार्टी के सम्मेलन में खुद को पीएम की रेस में आगे बढ़ने की घोषणा की तो उन्होंने यह भी कहा कि बोरिस जॉनसन अब उनका फोन नहीं उठाते हैं. यह काफी आश्चर्यजनक था क्योंकि एक समय सुनक जॉनसन के सबसे करीबी थे. ऋषि सुनक के इस्तीफे से ही बोरिस जॉनसन के सत्ता से बेदखल होने का रास्ता तैयार हो गया. ऐसा माना जाता है जॉनसन को सत्ता से बेदखल करने में और खुद को उस स्थान पर लाने में उनकी छवि पर नकारात्मक असर पड़ा. माना जाने लगा कि खुद पीएम बनने के लिए उन्होंने जॉनसन को सत्ता से बेदखल करने की साजिश रची.
अब वे बहुत पीछे हो चुके हैं और लिज ट्रस संभवतः ब्रिटेन की अगली पीएम बनने जा रही हैं. हालांकि अंतिम फैसला सोमवार को होगा जब 1.60 लाख पार्टी सदस्यों के वोट को गिना जाएगा.ऋषि सुनक के पतन के कई कारण हो सकते हैं. टोरी पार्टी के कुछ सदस्य उनकी वफादारी पर भी सवाल उठा रहे हैं. उन्हें विद्रोह का दोषी मान रहे हैं. कुछ का यह भी मानना है कि ऋषि सुनक के नेतृत्व में पार्टी अगले आम चुनाव में लेबर पार्टी को हराने में सक्षम नहीं हो सकती. उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति के टैक्स संबंधी विवाद ने भी उनकी दावेदारी पर असर किया.