वाराणसी. वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े तीन मामलों की आज सुप्रीम कोर्ट और वाराणसी कोर्ट में सुनवाई होगी। आज ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा के अधिकार और उसके संरक्षण की समय सीमा बढ़ाने की मांग और परिसर में सर्वे की कार्रवाई आगे बढ़ाने के मामले सुने जाएंगे।
ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई 2 नवंबर को वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई। इस दौरान ज्ञानवापी परिसर में तहखाने को तोड़कर और मलबे को हटाकर कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने की मांग पर सुनवाई हुई। मामले में मुस्लिम पक्ष यानि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई। हिंदू पक्ष की ओर से प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए अदालत ने 11 नवंबर यानि आज की तिथि तय की थी।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वादी पक्ष ने 82 ग के तहत कमीशन की कार्यवाही आगे बढ़ाने की बात अदालत में कही है। उस पर प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने अपनी अपत्ति कोर्ट में दाखिल कर दी है। जिस पर अदालत ने वादी पक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए 11 नवंबर की तारीख मुकर्रर की थी।
ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की आकृति की पूजा, पाठ, राग भोग, आरती करने को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दाखिल अर्जी पर आज सुनवाई होगी। उनका कहना है कि कानूनन देवता की परिस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है, जिसे अन्न-जल आदि नहीं देना संविधान की धारा अनुच्छेद-21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है। ऐसे में पूजा-पाठ की अनुमति दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले ‘शिवलिंग’ के संरक्षण की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। मामले पर विचार के लिए एक पीठ का भी गठन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को संरक्षित करने की समयसीमा 12 नवंबर से बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई होगी।
हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग की सुरक्षा के मामले पर आज दोपहर तीन बजे सुनवाई तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मस्जिद के अंदर जिस स्थान पर ‘शिवलिंग’ मिला है, उसे सुरक्षित रखा जाए।