मुजफ्फरनगर। लोकसभा सीट मुजफ्फरनगर में इस बार 11 प्रत्याशियों के बीच फाइट है। भाजपा से संजीव बालियान तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं, जनता ने उनको 2014 और 2019 में लगातार दो बार सांसद चुना। 2019 में उन्होंने दिग्गज भारतीय राजनेता अजित सिंह को पराजित किया। दोनों बार वो केन्द्र में मंत्री बनाये गये हैं। उनकी हैट्रिक को रोकने के लिए चार दशक से सियासत में सक्रिय और लगातार चार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाने वाले सपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक तथा बसपा के प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति मुख्य मुकाबले में नजर आ रहे हैं।
साल 2014 का चुनाव मोदी मैजिक के साथ ही मुजफ्फरनगर दंगों की तपिश में हुआ था। भाजपा की पूरी आंधी चली और सभी पांच विधानसभा सीटों पर प्रत्येक सीट पर भाजपा के संजीव बालियान ने एक लाख से ज्यादा मतदाताओं का समर्थन हासिल किया था। इस चुनाव में कांग्रेस और सपा के प्रत्याशी भी अपनी जमानत नहीं बचा पाये थे। हालांकि अगले चुनाव में अजित सिंह ने संजीव बालियान को करारी टक्कर दी थी और उनकी जीत का अंतर चार लाख से घटकर 6500 ही रह गया था। इस बार उनके सामने सपा के हरेन्द्र मलिक और बसपा के दारा सिंह को बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। यहां यह चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में सिमटता नजर आ रहा है। मुस्लिमों का साइलेंट वोट जीत और हार के लिए मुख्य रूप से महत्वपूर्ण रहेगा।
लोकसभा चुनाव 2024 में मुजफ्फरनगर संसदीय सीट के चुनाव में भाजपा के संजीव, सपा के हरेन्द्र ओर बसपा के दारा के साथ ही सुनील त्यागी, कविता पुंडीर, बीरबल, नील कुमार, शशीकांत, अंकुर, रेनू शर्मा और मनुज वर्मा मैदान में डटे हुए हैं। इनमें से कविता पुंडीर ने मायावती की रैली के दौरान अपने पति और गाजियाबाद से बसपा प्रत्याशी नंदकिशोर सिंह पुंडीर के साथ मंच पर पहुंचकर बसपा के दारा सिंह के समर्थन में चुनाव मैदान से हटने का ऐलान कर दिया था।