कानपुर। आयकर विभाग ने झांसी के घनाराम इंफ्रा समूह और उससे जुड़े कारोबारियों के यहां छापे में 250 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग पकड़ी है। अधिकारियों को 200 करोड़ रुपये के नकद लेनदेन के साक्ष्य भी मिले हैं।
अब तक 10 करोड़ रुपये की नकदी और साढ़े पांच करोड़ के जेवर कब्जे में लिए गए हैं। अनुमान है कि मामला करीब 70 करोड़ रुपये की कर अपवंचना का हो सकता है।
दूसरी ओर चार्टर्ड अकाउंटेंट दिनेश सेठी के यहां मिलीं चार डायरी में आधा सैकड़ा कारोबारियों, इंजीनियर व अन्य प्रोफेशनल के नाम हैं। उनके यहां मिली इलेक्ट्रानिक तिजोरी को सील कर दिया गया है। इसे चार्टर्ड अकाउंटेंट के आने के बाद खोला जाएगा।
वहीं, छठे दिन सोमवार को आयकर विभाग का छापा खत्म हो गया। आयकर अधिकारियों ने पिछले सप्ताह बुधवार को घनाराम इंफ्रा और उससे जुड़े कारोबारियों के यहां झांसी, लखनऊ, दिल्ली व कानपुर में छापेमारी की थी। यह कार्रवाई 32 स्थानों पर शुरू की गई थी।
कानपुर शहर में कल्याणपुर बिठूर मार्ग स्थित नवशील धाम में राकेश यादव के यहां भी आयकर विभाग की टीम पहुंची थी। जांच में लगी टीमों के मुताबिक 2016 से की जा रही बहुत सी बिलिंग फर्जी है। इसके साथ ही बड़ी राशि के लेनदेन तक नकदी में कर लिये गए हैं। इन्हें बैंकिंग नेटवर्क के जरिये किया जाना चाहिए था।
कंपनियां अपना लाभ कम करने के लिए बहुत अधिक खर्च दिखा रही थीं लेकिन उनके कागजात वे नहीं दिखा सकीं। इसके अलावा खातों की जो भी लिखा-पढ़ी की जा रही थी, वह बेतरतीब थी। इसकी वजह से आयकर अधिकारियों को उसे समझने में समय लगा।
अधिकारियों के मुताबिक चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां जो चार डायरी मिली हैं, उनमें लिखे नामों की वास्तविकता जानने के लिए उन्हें नोटिस भेज कर कारोबारियों से संबंध पूछे जाएंगे।