न्यूजीलैंड. न्यूजीलैंड में गायों की डकार और अन्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर कर लगाने की सरकार की योजना के खिलाफ गुरुवार को किसानों ने देशव्यापी प्रदर्शन किया है. सरकार की इस योजना के खिलाफ किसानों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है.. हालांकि, इस दौरान निकाली गईं रैलियां उतनी बड़ी नहीं रहीं, जितनी अपेक्षा की जा रही थी.
‘ग्राउंड्सवेल न्यूजीलैंड’ समूह की मदद से देशभर के कस्बों और शहरों में 50 से अधिक जगह विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया. पिछले सप्ताह सरकार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने की योजना के तहत नया कृषि कर लगाने का प्रस्ताव रखा था. इसमें गाय की डकार पर कर लगाने की योजना भी शामिल है. गायों के डकार लेने से मीथेन गैस निकलती है, जिससे प्रदूषण फैलता है.
न्यूजीलैंड में कृषि से सबसे अधिक लोग जुड़े हैं. देश की आबादी करीब 50 लाख है लेकिन इसकी तुलना में यहां एक करोड़ से अधिक गाय और भैंसें हैं और 2.6 करोड़ भेड़ें हैं. देश में सभी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग आधा हिस्सा खेतों से आता है जिसमें मवेशियों के डकारने से निकलने वाली मीथेन विशेष रूप से बड़ा योगदान देती है.
वेलिंगटन में विरोध प्रदर्शन के दौरान डेव मैककर्डी नामक किसान ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होने से निराश हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसानों ने साल भर, विशेष रूप से वसंत ऋतु के दौरान अपने खेतों में कड़ी मेहनत की है. मैककर्डी ने कहा कि सरकार को इस योजना पर विचार करना चाहिए. सरकार इस टैक्स को लेने पर अड़ी है. ऐसे में अब किसानों ने और भी ज्यादा कड़े विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने 2050 तक देश को कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने की योजना बनाई है. इस योजना में 2030 तक खेतिहर जानवरों से होने वाले मीथेन उत्सर्जन को 10 प्रतिशत और 2050 तक 47 प्रतिशत तक कम करना शामिल है.