नई दिल्ली। केंद्र में मोदी सरकार को नौ साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी कठिन चुनौतियों के बाद भी भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को दमदार रिटर्न दिया है।
2014 के बाद से बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी ने करीब 150 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि इस अवधि में बीएसई पर लिस्टिड कंपनियों का मार्केट कैप तीन गुना बढ़कर 195 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
26 मई, 2014 को नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर सेंसेक्स 24,716.88 और निफ्टी 7,359.05 पर था। वहीं, आज सेंसेक्स 62,000 के करीब है, जबकि निफ्टी 18,500 के आसपास बना हुआ है। 26 मई, 2014 को बीएसई की लिस्टिड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 85,20,816.63 करोड़ रुपये था, जो कि 25 मई, 2023 को 2,80,33,373.63 करोड़ रुपये था।
मोदी सरकार के आने के बाद से सभी सेक्टरों ने दमदार रिटर्न दिया है। निफ्टी आईटी 219 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 213 प्रतिशत, निफ्टी निजी बैंक 196 प्रतिशत, निफ्टी बैंक 188 प्रतिशत, निफ्टी एफएमजीसी इंडेक्स 180 प्रतिशत बढ़ चुका है।
निफ्टी एनर्जी इंडेक्स ने 140 प्रतिशत, निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने 116 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 94 प्रतिशत, निफ्टी मेटल 86 प्रतिशत और निफ्टी फार्मा ने 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
मोदी सरकार ने बीते नौ सालों में अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर काफी सारे नीतिगत बदलाव किए हैं। मौजूदा समय में भारतीय अर्थव्यवस्था 6-7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और वर्तमान में दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को देखते हुए दुनिया के सभी बड़े वित्तीय संस्थानों का मनाना है कि आने वाले कुछ सालों जर्मनी और जापान को पछाड़ते हुए भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।