नई दिल्ली. पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड का इस्तेमाल अब आसान नहीं होगा, क्योंकि इस उद्देश्य के लिए आधार कार्ड देने से पहले उसे सत्यापित करना अब जरूरी है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने कहा है कि आधार को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने से पहले संस्थाओं को इसे वेरिफाई करना चाहिए. यूआईडीएआई ने एक सर्कुलर में कहा है कि सत्यापन होने से अपराधियों और असामाजिक तत्वों द्वारा किसी भी संभावित स्थिति में आधार कार्ड के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने गुरुवार को कहा कि पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर दिए गए किसी भी आधार कार्ड, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड और एम-आधार की वास्तविकता स्थापित करने के लिए व्यक्ति को आधार संख्या को सत्यापित करना होगा. UIDAI ने कहा, “यूआईडीएआई के इस रुख पर जोर देता है कि कोई भी 12-अंकीय संख्या आधार नहीं है.
UIDAI ने आधार के सत्यापन को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. जिसमें जानकारी दी है कि किसी भी रूप में पेश किए गए आधार कार्ड पर मौजूद QR कोड को UIDAI के QR कोड मोबाइल ऐप mAadhaar application or Aadhaar QR code scanner से स्कैन करके वेरिफिकेशन करें, जिससे उसकी सत्यता और विश्वसनीयता की जांच की जा सके. UIDAI का QR कोड मोबाइल ऐप एंड्रॉयड, IOS और विंडो फॉर्मेट के ऐप स्टोर पर मौजूद हैं.
UIDAI ने कहा, “आधार दस्तावेजों से छेड़छाड़ का ऑफलाइन सत्यापन द्वारा पता लगाया जा सकता है, और इससे छेड़खानी एक दंडनीय अपराध है और आधार अधिनियम की धारा 35 के तहत दंड के लिए उत्तरदायी है.”
यूआईडीएआई ने उपयोग से पहले सत्यापन की आवश्यकता पर जोर देकर राज्य सरकारों से अनुरोध किया है और इस संबंध में आवश्यक निर्देश देने का आग्रह किया है ताकि जब भी आधार को पहचान के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जाए – निवासी का प्रमाणीकरण/सत्यापन आधार के रूप में आधार का उपयोग करके किया जाता है.