बता दें कि बुधवार को पश्चिमी न्यू साउथ वेल्स के एक कस्बे कोबार में बकरे को नीलामी के लिए रखा गया था. इससे पहले ब्रॉक नाम की बकरी को पिछले महीने बेचा गया था जिसके नाम सबसे महंगी बकरी का रिकॉर्ड (12,000 डॉलर) था. मराकेश से पहले, मोस्ली के पास पहले से ही ऑस्ट्रेलिया की सबसे अधिक कीमत वाली बकरी थी. मोस्ली को बकरी पालन का काफी शौक है।
उन्होंने पिछले साल ही एक और बकरे को 9,000 डॉलर में खरीदा था. मोसेली भेड़ के बच्चे, मवेशियों के साथ-साथ बकरियों को पालते हैं और यहां तक कि अपने झुंड को जंगली बकरों से सुरक्षित रखने के लिए बाड़ में भी निवेश किया है. मोस्ली ने बताया कि मराकेश जैसी बकरे महंगे इसलिए मिलते हैं, क्योंकि इनकी संख्या काफी कम है।
मराकेश नाम के इस बकरे का पालन-पोषण क्वींसलैंड सीमा के पास गुडूगा में रंगलैंड रेड स्टड में हुआ. कोबार में बिक्री के दौरान इस नस्ल के 17 बकरे थे. इन सभी बकरों का शरीर काफी बड़ा था. हालांकि, मोस्ली ने साफ बताया कि शरीर के बड़ा होने का मतलब यह नहीं है कि बकरे अच्छी क्वालिटी के होंगे. इन बकरों को खास तौर पर तैयार किया जाता है.
एंड्रयू मोस्ली ने बताया कि उन्होंने मराकेश को इसलिए खरीदा क्योंकि उसका स्वास्थ्य बहुत अच्छा था. वह इतना बड़ा था कि अपनी प्रजनन क्षमता को बखूबी दिखा सकता था. मोस्ली ने कहा कि बकरा अभी इतने अच्छे तरह से पोषित नहीं है कि वह पश्चिमी न्यू साउथ वेल्स की गंभीर परिस्थितियों का सामना कर सके. एंड्रयू की पत्नी मेगन ने कहा कि वे अपने एतिवांडा की प्रोपर्टी पर बकरे पालते हैं. वह जगह सालों से उनके लिए बहुत अच्छी रही है. एतिवांडा कोबार से लगभग 80 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है और आमतौर पर भेड़ और मवेशी पालने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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