नोएडा। सपा नेता रामटेक कटारिया हत्याकांड में अदालत ने चचेरे और ममेरे भाई समेत छह लोगों को दोषी करार दिया है। दादरी के गांव गढ़ी में पांच साल पहले हुई हत्या के मामले में अदालत ने रामटेक के चचेरे भाई और तत्कालीन सभासद बालेश्वर कटारिया, भतीजे राणा उर्फ कपिल, ममेरे भाई नीतेश, अनु, कृष्णा और चंद्रपाल को अजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं साक्ष्यों के अभाव में तीन आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) प्रथम रण विजय प्रताप सिंह की अदालत में हुई।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी नितिन त्यागी, एडीसीजी भाग सिंह एडवोकेट और सीपी शर्मा के मुताबिक 31 मई 2019 को समाजवादी पार्टी के दादरी विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष रामटेक कटारिया की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह दादरी के गढ़ी गांव में सपरिवार रहते थे। वारदात के वक्त दोपहर करीब 12:30 बजे रामटेक कटारिया बाइक से जारचा रोड पर बन रहे नाले का निर्माण कार्य देखने जा रहे थे। नाले का निर्माण उनके रिश्तेदार के घर के सामने हो रहा था। रास्ते में ऑल्टो कार और बाइक पर सवार होकर आए नकाबपोश हमलावरों ने रामटेक पर फायरिंग कर दी। हमलावरों ने 12 गोलियां चलाईं थीं। जिसमें पांच गोलियां रामटेक के सिर और सीने में लगीं थी।
मामले में रामटेक के भाई प्रवीण कटारिया ने नौ लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में एडीजे की अदालत में हई। सुनवाई के दौरान 19 गवाहों ने गवाही दी। जिन हथियारों का इस्तेमाल हत्या में हुआ उसमें एफएसएल के निदेशक ने अपनी बैलेस्टिक रिपोर्ट दी थी। इससे साबित हुआ था कि सभी हथियारों से घटना वाले दिन फायरिंग की गई थी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभय कटारिया, सुमित और जय भगवान को बरी कर दिया है जबकि शेष छह को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। बरी किए जाने को हाईकोर्ट में देंगे चुनौती
अभियोजन पक्ष तीन को बरी किए जाने के मामले को हाईकोर्ट को चुनौती देगा। अभियोजन पक्ष के मुताबिक इनमें से अभय कटारिया के खिलाफ पांच गवाहों ने गवाही दी थी। जबकि जय भगवान धारा 120 बी (षड्यंत्र) में आरोपी था। तीनों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त पिस्टल के साथ कार और बाइक भी बरामद हुई थी।
बालेश्वर कटारिया दादरी नगर पालिका परिषद से तीन बार वार्ड सभासद रह चुका है। दोनों पक्ष एक ही खानदान से हैं। बालेश्वर और रामटेक के दादा दोनों भाई थे। जमीन के बंटवारे के मामले में दोनों परिवार में रंजिश शुरू हो गई। जो आगे चलकर वर्चस्व की जंग बन गई।
दादरी में वॉर्ड-19 से नगर पालिका परिषद के सभासद रमेश कटारिया 4 जनवरी 2018 को घर से लापता हो गए थे। दो दिन बाद अलीगढ़ में रेलवे ट्रैक पर उनका शव मिला था। मामले में बालेश्वर ने रामटेक सहित छह पर अगवा कर हत्या का आरोप लगाते हुए दादरी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस जांच में रामटेक की भूमिका साबित नहीं हो सकी थी। हालांकि बालेश्वर इसके लिए रामटेक को जिम्मेदार मानता था।
इस हत्याकांड के दोषियों को सजा होने की खबर गढ़ी गांव स्थित रामटेक के परिवार तक पहुंची तो उनके आंसू छलक गए। परिवार में सभी भावुक हो उठे। कुछ सदस्य रामटेक की तस्वीर के सामने जाकर रोने लगे। इस मामले की पैरवी करने वाले रामटेक के भाई प्रवीण कटारिया ने इसे न्याय की जीत बताया।