मुज़फ्फरनगर : उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के प्रचार में हर दल ने ताकत झोंक रखी है. 19 अप्रैल को पहले चरण में यूपी के आठ सीटों पर मतदान होना है. वहीं पहले चरण के मतदान में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट प्रदेश के सबसे चर्चित सीटों में से एक बन गई है. मुजफ्फरनगर में बीजेपी से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और समाजवादी पार्टी से हरेंद्र मलिक के बीच टक्कर है तो वहीं बसपा की एंट्री ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. कहा जा रहा है कि बसपा ने यहां दारा सिंह प्रजापति को मैदान में उतार कर सपा की राह आसान कर दी है और बीजेपी की राह मुश्किल? आइए समझते हैं इस सीट के सियासी अंकगणित का खेल.
माना जा रहा है कि मुजफ्फरनगर लोकसभा पर इस बार का चुनाव भी 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह ही है. 2019 में भाजपा से डॉक्टर संजीव बालियान और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन से चौधरी अजीत सिंह मैदान में थे. यहां से बाजी संजीव बालियान ने मारा था. बता दें कि 2019 के चुनाव मे इस सीट पर बसपा का कोई उम्मीदवार यहां से चुनाव नहीं लड़ा था, , मगर इस बार बसपा के प्रत्याशी हैं तो भाजपा को दलित वोटों का नुकसान हो सकता है.
मुजफ्फरनगर लोकसभा में मुख्य रूप से भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर संजीव बालियान और सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक के बीच मुकाबला है. बसपा प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति दोनों प्रत्याशियों के गणित को बिगाड़ने की भूमिका में हैं. यानी की भाजपा और सपा प्रत्याशी के मतदाताओं की कुछ संख्या अपनी ओर कर हार-जीत के अंतर प्रभावित कर सकते हैं.