मेरठ : मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट पर भाजपा, सपा और बसपा के बीच कड़ा मुकाबला इस बार लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। यहां तीन प्रत्याशियों में दो पुरुष तो एक महिला प्रत्याशि हैं। ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले पर हर किसी की नजरें टिकी हैं। आज मतदाता अपना सांसद चुनेंगे।
मेरठ- हापुड़ लोकसभा सीट पर चुनावी महासंग्राम में प्रत्याशियों की परीक्षा शुक्रवार (आज) होगी। यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। प्रमुख दलों में भाजपा रालोद गठबंधन से अभिनेता अरुण गोविल मैदान में हैं तो सपा-कांग्रेस और आमआदमी गठबंधन की प्रत्याशी पूर्व महापौर सुनीता वर्मा हैं, जबकि बसपा के प्रत्याशी देवव्रत त्यागी हैं।
मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें (किठौर, मेरठ कैंट, मेरठ सिटी, मेरठ दक्षिण और हापुड़) आती हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीन सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि दो सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव के इतर 2022 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और सपा का गठबंधन नहीं हो सका था। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो बेहद कड़ा मुकाबला हुआ था।
भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने 5 लाख 86 हजार 184 वोट हासिल किए। वहीं, बहुजन समाज पार्टी के हाजी याकूब कुरेशी को 5 लाख 81 हजार 455 बोट मिले। दोनों के बीच अंत तक कड़ा मुकाबला रहा और जीत आखिरकार राजेंद्र अग्रवाल के खाते में गई। राजेंद्र आवाल ने महज 4,729 मतों के अंतर से चुनाव जीता। कांग्रेस के हरेंद्र अग्रवाल तीसरे नंबर पर रहे।
सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 1991 से लेकर अब तक आठ चुनाव में छह बार भाजपा को जीत मिली है। 1991, 1996 और 1998 में भारतीय जनता पाटी की जीत हुई। 1996 और 1998 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर अमर पाल सिंह विजय हुए। लगातार जीत का सिलसिला 1999 में जाकर टूट गया, जब कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना जीते थे।
2004 के संसदीय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने शाहिद अखलाक के दम पर चुनाव जीत लिया। फिर इसके बाद यहां पर भाजपा के जीत हासिल करने का जो सिलसिला शुरू किया उसे कोई भी दल रोक नहीं सका है। 2009 के चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल ने 47,146 मतों के अंतर के साथ भाजपा के लिए जीत हासिल की। 2014 में मोदी लहर में राजेंद्र अग्रवाल ने बाजी मारी थी।