मुरादाबाद। सिविल लाइंस अगवानपुर निवासी मो. शारिक, उसके भाई, भांजे और पड़ोसी को मलयेशिया भेजने के नाम पर एजेंटों ने 12 लाख रुपये ठग लिए। मलयेशिया पहुंचकर युवकों को कोई रोजगार नहीं मिला। इस पर उन्हें कूड़ाघर में रहकर दिन बिताने पड़े। आरोप है कि एजेंटों ने मलयेशिया से वापस बुलाने के लिए भी एक-एक लाख रुपये लिए हैं। पीड़ितों ने अपनी रकम वापस मांगी तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। पीड़ित मो. शारिक ने सिविल लाइंस थाने में बरेली के एजाज नगर निवासी अहसान मलिक और पीलीभीत जनपद के सिविल लाइंस थाना केजीएन कॉलोनी निवासी वजाहत के खिलाफ केस दर्ज कराया है। जिसमें मो. शारिक ने बताया कि वह नौकरी की तलाश कर रहा था।
तब उसकी मुलाकात अहसान मलिक और वजाहत से हुई थी। आरोपियों ने कहा था कि वह दो लाख रुपये में मलयेशिया भेज देंगे। मलयेशिया में एक लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से नौकरी मिलेगी। पीड़ित मो. शारिक, उसके भाई मो. कैफ, उसके भांजे बरेली के सिरौली निवासी अदनान और पड़ोसी मो. इस्तेकार ने आरोपियों को दो-दो लाख रुपये दे दिए थे आरोपियों ने चारों के पासपोर्ट लेकर वीजा बनवा दिए थे। 18 अगस्त 2023 को आरोपियों ने चारों युवकों को लखनऊ एयरपोर्ट से बैंकाक के लिए फ्लाइट से भेज दिया था। बैंकाक पहुंचने पर उनके एजेंट ने एक नाव से समुद्र के रास्ते मलयेशिया पहुंचा दिया था। वहां जाकर उन्हें कोई नौकरी नहीं मिली।
वहां कूड़ाघर में रहने को मजबूर हो गए। वहां के एजेंटों ने कहा कि सभी का मेडिकल परीक्षण होगा। आरोपी उन्हें एक अस्पताल में ले गए। युवक का दावा है कि उन्हें पता चला कि यहां किडनी निकाली जाती हैं। चारों युवक वहां से किसी तरह निकल आए। उन्होंने वजाहत और अहसान मलिक को फोन किया। तब उन्होंने अपने एक एजेंट को उनके पास भेज दिया। एजेंट उन्हें एक फैक्टरी में ले गया। फैक्टरी के मैनेजर ने वीजा देखकर कहा कि ये फर्जी है। अगर यहां रहोगे तो पुलिस पकड़ लेगी। अगर यहां से जाना चाहते तो एक-एक लाख रुपये देना होंगे। मजबूर होकर युवकों के परिजनों ने आरोपियों के बताए खातों में एक-एक लाख रुपये ट्रांसफर किए हैं।
इसके बाद ही एजेंटों ने चारों को फ्लाइट के जरिए भारत भेजा। इसके बाद युवक अपने घर पहुंच पाए। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।