पटना। बिहार जदयू के उपाध्यक्ष एवं विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि भाजपा गठबंधन धर्म का पालन करती है, इससे बड़ा झूठ राजनीति में हो ही नहीं सकता है। अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायकों को किस गठबंधन धर्म के तहत भाजपा में विलय करा लिया था। बिहार में वीआइपी के 3 विधायकों को किस गठबंधन धर्म नई परिभाषा के तहत अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चिराग पासवान के माध्यम से पीठ में खंजर भोंकने का काम किया। ये सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी भाजपा का चरित्र ऐसा ही रहा है। संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने की चाह नहीं है, लेकिन नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सारी योग्यता है। खुद इंजीनियर है, उनके पास 18 साल मुख्यमंत्री रहने का अनुभव है।
संजय सिंह ने कहा कि जब एक चाय बनाने वाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन सकता है, तो फिर नीतीश कुमार तो एक स्वतंत्रता सेनानी और वैद्य के पुत्र हैं। वो प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकते है? भाजपा पावर और पैसा का इस्तेमाल करती है, लेकिन, 135 करोड़ जनता का कोई फ्रिक नहीं है। यदि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनते भी हैं तो 135 करोड़ जनता के दिलों पर राज करेंगे।
इधर, जदयू के प्रवक्ता एवं पूर्व विधान पार्षद डा. रणवीर नंदन ने कहा है कि राज्य में हुए राजनीतिक परिवर्तन के खिलाफ जिलों में आयोजित भाजपा के धरना को आम जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है। धरना पूरी तरह फ्लाप है। आम जनता की बात तो दूर भाजपा के कार्यकर्ता भी धरना के औचित्य को नहीं समझ पा रहे हैं। जनता को पता चल गया है कि भाजपा नीतीश कुमार के साथ भितरघात कर रही थी। प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल खुद नीतीश विरोधी साजिश में शामिल थे।
भाजपा के कई विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ अनर्गल प्रलाप कर रहे थे। प्रो. नंदन ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जिस प्रकार भाजपा के भितरघाती चेहरे को उजागर किया है और उसे सत्ता से उखाड़ फेंकने की योजना बनाई है, उससे बिहार का युवा उत्साहित है। युवा वर्ग सामाजिक समरसता और सांप्रदायिक सौहाद्र्र में विश्वास करता है। आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा बिहार में खाता भी नहीं खोल पाएगी।