गुरदासपुर। पंजाब सरकार श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए विशेष शगुन योजना चला रही है। इसके तहत पंजीकृत औद्योगिक श्रमिक अपनी बेटी की शादी के मौके पर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना की जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं श्रमिकों को मिलेगा जो पंजाब लेबर वेलफेयर फंड एक्ट-1965 के तहत पंजीकृत संस्था/प्रतिष्ठान में काम कर रहे हैं और पंजाब लेबर वेलफेयर फंड में लगातार योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि श्रमिक अपनी पुत्री के विवाह की निर्धारित तिथि तक संबंधित सहायक श्रम आयुक्त/श्रम समझौता अधिकारी को प्रार्थना पत्र भेज सकते हैं। शगुन योजना के तहत स्वंय कार्य करने वाली बालिका (कर्मचारी) को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
इस योजना के तहत शगुन योजना केवल एक बार दो लड़कियों के विवाह के मौके पर लागू होगी न कि तलाक आदि के बाद पुनर्विवाह पर। एक कार्यकर्ता अपनी बेटी की शादी की निश्चित तिथि के छह महीने के भीतर आवेदन कर सकता है। यदि श्रमिक इस योजना के तहत राज्य सरकार या किसी अन्य संस्था से ऐसी कोई वित्तीय सहायता प्राप्त कर रहा है तो वह भी इस योजना के तहत लाभ पाने का हकदार होगा।डीसी ने आगे कहा कि शगुन योजना की यह राशि बालिका के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि लड़की की उम्र 18 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए। बालिका की आयु के प्रमाण के रूप में स्कूल प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस की एक प्रति आवेदन के साथ लगाई जा सकती है। आवेदन के साथ एक पंजीकृत विवाह प्रमाण पत्र भी लगाया जाना चाहिए।
आवेदन के समय कर्मचारी के लिए कोई वेतन सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कार्यकर्ता चाहे तो 20 हजार रुपये की राशि गांव के सरपंच या नगर के पार्षद को शादी के संबंध में स्व-सत्यापित स्व-घोषणा पत्र लगाकर विवाह की तिथि से तीन महीने पहले ले सकते हैं और विवाह के छह महीने के भीतर विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र लगाकर 11,000 रुपये की राशि का आवेदन कर सकते हैं। डीसी ने पंजीकृत औद्योगिक श्रमिकों से इस शगुन योजना का लाभ लेने की अपील की है।