इटावा. दस्यु सुंदरी रही सरला जाटव को 18 साल बाद जेल से रिहा कर दिया गया। सरला की उम्र अब 35 साल है। लेकिन चंबल के दस्यु सरगना निर्भय गुर्जर ने जब उसका अपहरण किया तो वह महज 11 साल की थी। जीन्स-टीशर्ट, डार्क लिपिस्टिक और ब्रांडेड चश्मों की शौकीन सरला 2004 से जेल में बंद थी।
उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर शुक्रवार को रिहाई के बाद वह अपने भाई के साथ देर शाम गांव चली गई। सरला अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के नियामतपुर की रहने वाली है।
ये है दस्यु सुंदरी की कहानी
दो दशक पहले तक चंबल में डकैतों का आतंक था। उन्हीं में एक था निर्भय गुर्जर का। सरला जाटव निर्भय के दत्तक पुत्र श्याम की पत्नी और निर्भय की दूसरी पत्नी बसंती की भतीजी थी। वर्ष 1994 में निर्भय ने बसंती से शादी की थी, पर एक दिन बसंती गैंग से भाग गई। कई वर्षों तक निर्भय बसंती को खोजता रहा और वर्ष 1999 में उसने बसंती को भाई के साथ मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद वह बसंती के भाई की बेटी सरला को अपने साथ उठा लाया। उस समय वह 11 वर्ष थी।
दो साल बाद निर्भय ने सरला की शादी अपने दत्तक पुत्र श्याम से कर दी। इसके बाद सरला बीहड़ की दस्यु सुंदरी के रूप में नई पहचान बन गई। धीरे-धीरे सरला ने निर्भय का भरोसा जीत लिया और उसके न रहने पर गैंग संभालने लगी। इसी बीच उसका अपहरण, फिरौती मांगने जैसी कई घटनाओं में नाम आने के बाद पुलिस ने उसपर इमान घोषित किया। वर्ष 2004 में सरला ने इटावा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। सेशन कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।